भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष शुरू हो जाता है. 25 सितम्बर मंगलवार को भाद्रपद पूर्णिमा का पहला श्राद्ध है. पितृदोष का निवारण इन श्राद्धों में करवा लेना है. जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनकी किस्मत कभी साथ नहीं देती है, उनकी कभी तरक्की नहीं होती है. जीवन भर इंसान दुखी होते हैं, कष्टों से भरी जिंदगी होती है. होली से पहले अपना पितृ दोष दूर कर लें. अपने खानदान की अच्छी औलाद बन जाए. मौका अच्छा है, रूठे हुए खानदान के पूर्वजों को प्रसन्न कर लें, उनके आशीर्वाद से बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा.
पितृ दोष में ग्रह दोष क्या होते हैं?
सूर्य पर राहु-केतु या शनि का प्रभाव हो
दशम भाव या उसके स्वामी पर राहु केतु या शनि का प्रभाव हो
कुंडली में सूर्य या चन्द्र ग्रहण योग हो
तो खानदान पर पितृ दोष होता है
राहु केतु की महादशा हो
पितृ दोष दूर करने का आसान उपाय
कुंडली दिखाकर ताम्बा या चांदी धारण करें
श्राद्ध के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा का का व्रत करें — नमक ना खाएं
ताम्बे के लोटे में जल और गुड घोलकर सूर्य को जल चढ़ाते रहें
खानदान के बुजुर्गों को सम्मान से याद करते रहें
कभी खानदान के दिवंगत बुजुर्गों का अपमान ना करें
खानदान पर पितरों का दोष या पितृ श्राप के लक्षण-
संतान नहीं होती है
संतान बिगड़ता चला जाता है
संतान बुरी संगत में पड़ जाता है
बच्चे ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाते हैं
अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती है
नौकरी या व्यापार स्थल पर झगड़े हो जाते हैं
नौकरी नहीं टिकती है –व्यापार नहीं चलता है
घर में ज्यादा क्लेश झगड़े होते हैं
बच्चो की माता पिता से पटती नहीं है
बच्चे बड़ों की बात बिलकुल नहीं सुनते हैं
बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं
माता पिता का धन बर्बाद करते रहते हैं
व्यापार -प्रॉपर्टी डूबा देते हैं
दिमाग में टेंशन बोझ रहता है
वंश आगे नहीं बढ़ता है
घर में पैसे नहीं आते है -टिकते भी नहीं हैं
गरीबी और क़र्ज़ बना रहता है
कोई मुकदमा या कोई पुलिस केस चलता रहता है
घर में लगातार बीमारी परेशान करती रहती है
कन्या या बेटे की शादी में रुकावट होती है
शादी के बाद भी सुखी नहीं रहते हैं
बार बार बदनामी होती है
कोई झूठा कलंक लगता है
पितृ दोष दूर करने का आसान उपाय
घर या व्यापार स्थल पर खानदान के सफल स्वर्गीय पितरों की खुशनुमा तस्वीर लगाएं
तस्वीर माता पिता ,दादा -दादी पर दादा-दादी आदि पितरों की हो सकती है
तस्वीर दक्षिण पश्चिम दीवार या कोने पर लगाएं
दिन शुरू करने के बाद सबसे पहले उनको प्रणाम करो
रोज या समय -समय पर माला चढ़ाओ
धुप बत्ती जलाओ –रोज उनसे आशीर्वाद लो
खानदान के पितरों के जन्म दिन और बरसी मनाओ
उनके नाम खाना और मिठाई बांटों
पितरों के नाम पर पियाऊ बनवाओ
पितरों के नाम पर शमशान में कोई बेंच या चबूतरा बनवाओ
पितरों के नाम से धार्मिक स्थल पर धन या सामग्री दान दो
हथेली में पितृ दोष या पितरों के नाराज़गी की निशानी
सूर्य रेखा कटी या टूटी हो, राहु केतु की रेखा जीवन रेखा को काटती है
सूर्य रेखा पर कोई काला तिल हो या क्रॉस हो
अनामिका उंगली में रेखाएं कटी फटी हों
अमावस्या पर श्राद्ध जरूर करें
घर या बाहर के बड़े बुजुर्गों की सेवा करके उनका आशीर्वाद लें
पीपल, बड़ या खेजड़ी के पेड़ पर लगातार जल चढ़ाते रहें
इन वृक्षों पर शनिवार और अमावस को दीपक जलाएं
खान दान के किसी शादी या खुशी के उत्सव में खानदान के पितरों को याद करों
उनको माला चढ़ाकर सम्मान करें
अमावस्या पर तर्पण ,पिंड दान कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं
गाये ,कुत्ते ,चींटियों ,कौवों ,या अन्य पशु पक्षियों को खाना खिलाएं
पूर्णिमा को मंदिर में कच्ची भोजन सामग्री दान करो
बीमार बुजुर्गों को दवाई दें