माना जाता है कि साईं बाबा के व्रत से मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है. गुरुवार के दिन इस व्रत की शुरुआत की जाती है. आश्विन कृष्ण पक्ष का श्राद्ध चल रहा है. आज श्राद्ध का पहला गुरुवार है. श्राद्ध में हमारे पितृ आशीर्वाद देने धरती लोक में आते है.
साईं बाबा भी हमारे पितृ हैं. साईं बाबा की पूजा करने और गुरुवार के दिन साईं बाबा व्रत करने से बाबा तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं.
व्रत रखने से पहले क्या करें?
– व्रत को शुरू करने से पहले एक सफ़ेद कपड़ा लें.
– उसे हल्दी से रंगकर पीला कर लें.
– गुरुवार को सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– आसन पर पूर्व की तरफ बैठकर साईं बाबा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें.
– चन्दन, कुमकुम का तिलक लगाएं.
– बाबा को फूलों की माला चढ़ाएं.
– दीपक और अगरबत्ती भी जलाएं.
– सबसे पहले उस पीले कपड़े में एक सिक्का रखकर पोटली बांध लें.
– आसन में विराजमान साईं बाबा के सामने रखकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें की मैं आपके लिए इतने व्रत रखूंगा.
व्रत कौन-कौन सी मनोकामना के लिए कर सकते हैं?
– पढ़ाई पूरी करने, संतान की प्राप्ति, मुश्किल काम बनाने, पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए.
– खोया हुआ धन मिलने, जमिन जायदाद के लिए.
– साईं बाबा के दर्शन पाने, कलह मिटाने, शत्रुओं को शांत करने के लिए.
– व्यापार में वृद्धि, यात्रा योग बनाने, पति का खोया प्यार पाने के लिए.
– रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी ये व्रत कर सकते हैं.
व्रत के दौरान क्या-क्या करे?
– व्रत के दौरान साईं बाबा की कथा पढ़ें.
– प्रसाद के रूप में मुरमुरे, चने या घर की बनाई खिचड़ी या मिठाई या फल चढ़ाकर सबको बांटे और खुद भी खाएं.
– व्रत से सद्बुद्धि आती है, निर्धनता दूर होती है.
– क्लेश, दुख, दोष दूर होता है और तनाव कम होता है.
व्रत का उद्यापन जरूर करें
– मन्नत के गुरुवार पूरे होने पर उद्यापन करना चाहिए.
– उस दिन गरीबों को भोजन करवाना चाहिए.
– पशु पक्षियों के भोजन डालना चाहिए और सिक्के को साईं बाबा के मंदिर में रखें.
साईं व्रत में क्या करें और क्या ना करें-
– व्रत प्रेम पूर्वक, श्रद्धा से करें-
– मन में कोई बैर रखकर व्रत ना करें.
– यह सरल व्रत स्त्री, पुरुष यहां तक की बच्चे भी व्रत रख सकते हैं.
– व्रत के दौरान भूखे न रहें, फलाहार करें.
– प्याज़, लहसुन, मांसाहार ना करें.
– व्रत किसी भी गुरुवार शुरू कर सकते हैं.
– साईं व्रत किसी भी सूतक, श्राद्ध में रखा जा सकता है.
– यात्रा के कारण कोई एक गुरुवार व्रत छूट जाए तो अगले गुरुवार रखकर गिनती पूरी करें.
– व्रत के दौरान अपना व्यवहार सच्चा और प्रेम पूर्वक रखें.