‘चित्रकूट में मोबाइल बनाने की करते हैं बात, अमेठी में पतली पिन का चार्जर भी नहीं बना पाए’
हिंदु धर्म के अंतर्गत आने वाली अन्य जातियों के किसी भी व्यक्ति को प्रबंध व्यवस्था में सदस्य या पुजारी बनाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं. साथ ही मोर्चा के सदस्यों का यह भी कहना है कि सरकार के यह प्रावधान ब्राम्हण जाति को लाभ पहुंचाने के लिए किये गये हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं और सरकार को चेतावनी देते है कि वह यह निर्णय जल्द से जल्द वापस ले अन्यथा इस निर्णय को उच्च न्यायलय में चुनौती दी जाएगी. इसके साथ ही मोर्चा ने यह मांग की है कि संविधान के मुताबिक यदि किसी धर्म विशेष के धार्मिक संस्थानों की स्थापना की जा रही है तो अन्य सभी धर्मों और आदिवासियों के लिए भी समान कोष का प्रावधान किया जाए. साथ ही मठों-मंदिरों में ओबीसी, और एससी एसटी की संख्या के अनुपात में प्रबंधक और पुजारी नियुक्त किये जाएं.