शरत कटारिया, यशराज फिल्म्स के अंतर्गत बनने वाल फिल्मों में कभी डायरेक्टर तो कभी लेखक के रूप में समय-समय पर अपना काम करते रहते हैं. एक तरफ जहां उन्होंने “तितली” की कहानी लिखी और “बेफिकरे” के संवाद तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने “दम लगा के हइशा” में जबरदस्त निर्देशन किया. अबकी बार शरत ने जमीनी हकीकत को दर्शाने वाली फिल्म का निर्माण किया है. उनकी फिल्म बुनकर समुदाय और उनकी जरूरतों की तरफ ध्यान आकर्षित करती है. फिल्म रिलीज हो गई है. आइए जानते हैं आखिरकार कैसी बनी है यह फिल्म –
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी मौजी (वरुण धवन) और ममता (अनुष्का शर्मा) की है जो पति-पत्नी हैं और अपने माता-पिता के साथ छोटे शहर में रहते हैं. मौजी के दादा एक शिल्पकार हुआ करते थे. लेकिन फैक्ट्री बंद होने के बाद उनके पिता (रघुबीर यादव) को इस काम से घृणा हो गई. अब मौजी को एक सिलाई मशीन की दुकान में बॉय के रूप में रखा गया है, लेकिन कुछ ऐसे हालात बनाते हैं जिसकी वजह से ममता अपनी तरफ से मौजी को कोई बढ़िया काम करने की नसीहत देती हैं. मौजी को उसे बार-बार अपने मालिक के तानों को ना सहना पड़े. मौजी सिलाई मशीन के साथ कामकाज करने की तैयारी करता है. इस दौरान उसे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. अंततः बहुत सारे उतार-चढ़ाव के बाद एक रिजल्ट आता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म की कहानी अच्छी है और एक अहम मुद्दे की तरफ ध्यान भी आकर्षित करती है. लिखावट के साथ-साथ संवाद भी सोचने पर विवश करते हैं. जमीनी हकीकत क्या है और एक तबका किस तरह से जीवन व्यतीत करता है, उसको भी दर्शाने की शरत कटारिया ने बेहतरीन कोशिश की है. फिल्म की लोकेशन बढ़िया है और असली लगती हैं. कैमरा वर्क कमाल का है और कहीं कहीं बड़े ही दिलचस्प इमोशनल शॉट लिए गए हैं.
फिल्म में मौजी के किरदार में वरुण धवन ने बहुत ही उम्दा अभिनय किया है. वो किरदार में पूरी तरह से लिप्त नजर आते हैं. वहीं ममता का किरदार अनुष्का शर्मा ने जबरदस्त तरीके से निभाया है. वो हर कदम पर वरुण धवन के साथ खड़ी नजर आती हैं. रघुबीर यादव ने हमेशा की तरह इस बार भी गजब अभिनय किया है. फिल्म की कास्टिंग बढ़िया है और सबसे अच्छी बात इसकी लेंथ है जो करीब 2 घंटे की है. फिल्म के कुछ सीक्वेंस तो आपको घर की याद भी दिला देते हैं. माता-पिता, पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को बढ़िया दर्शाया गया है.
कमज़ोर कड़ियां
फिल्म की कमजोर कड़ी इसका इंटरवल के बाद का हिस्सा है जो काफी बिखरा-बिखरा सा है. ये प्रिडिक्टेबल लगता है जिसे दुरुस्त किया जाता तो फिल्म और भी बढ़िया लगती. वहीं ट्रेलर के हिसाब से एक खास तरह की ऑडियंस फिल्म को देखना पसंद करेगी, जो वरुण धवन और अनुष्का शर्मा से प्यार करती है. वहीं दूसरी तरफ जिन्हें हंसी-मजाक ठहाके और मसालेदार फिल्में पसंद हैं शायद वह इसे पसंद ना करें. रिलीज से पहले इसके गानों का बज सर्वोच्च नहीं था, जो हिंदी फिल्मों की एक अहम कड़ी होती है.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट करीब 25 करोड़ बताया जा रहा है. इसका प्रोमोशन बहुत ही जबरदस्त तरीके से किया गया है. अलग-अलग जगहों पर भव्य तरीके से फिल्म को वरुण और अनुष्का ने प्रोमोट किया है. जिन्हें इस मिजाज की फिल्में पसंद हैं, वो इसे जरूर देखना पसंद करेंगे. वीकेंड कलेक्शन दिलचस्प होगी. सूत्रों की मानें तो फिल्म को करीब 2500 स्क्रीन्स में रिलीज किया जाना है. अनुष्का-वरुण की मौजूदगी की वजह से ओपनिंग 8-10 करोड़ रहने की उम्मीद है.