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MP चुनाव में वंशवाद का साया, दिग्गज मांग रहे बेटे-बेटियों के लिए टिकट…

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टियों के कई नेता अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को राजनीतिक रण में उतारने की कवायद में है, तो कई अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं. हालांकि, अभी तक दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. दरअसल, मध्य प्रदेश के मालवा इलाके की तकरीबन आधा दर्जन विधानसभा सीटें हैं, जहां परिवारवाद से जुड़े नेता ही प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. इंदौर की 3 नंबर विधानसभा सीट से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बेटे मंदार महाजन को उतारने की जुगत में है. मंदार काफी लंबे समय से इस सीट पर सक्रिय हैं. बीजेपी सुमित्रा महाजन के सियासी वारिस को तौर पर पार्टी प्रत्याशी के तौर पर उतार सकती है. हालांकि पार्टी उन्हें इंदौर-3 से उतारेगी ये बात अभी साफ नहीं है.

इंदौर से महापौर मालिनी गौड़ अपने बेटे एकलव्य को विधानसभा चुनाव में उतारने का मन बना रही है. माना जा रहा है कि एकलव्य के लिए इंदौर 4 नंबर सीट चाहती है. इंदौर से बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ान के लिए अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव में उतारने की कोशिश में हैं. वो आकाश के लिए इंदौर की 2 नंबर और महू सीट चाहते हैं. हालांकि अभी इंदौर 2 से बीजेपी के रमेश मेंदोला विधायक हैं. मालवा इलाके की धार विधानसभा सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा के परिवार का कब्जा है. पहले खुद विक्रम वर्मा यहां से जीतते रहे हैं. अभी फिलहाल इस सीट पर उनकी पत्नी नीना वर्मा विधायक हैं और दूसरी बार टिकट की दावेदारी मानी जा रही है

रतलाम-झबुआ से सांसद और कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया अपने बेटे विक्रांत को विधानसभा चुनाव के जरिए लांच करना चाहते हैं. झाबुआ जिले से प्रत्याशी बनाना चाहते हैं. विक्रांत पहले आदिवासी संगठन जयस से जुड़े थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी के लिए टिकट की दावेदारी की है. हालांकि, नितिन को पहले भी कांग्रेस का टिकट मिल चुका है, लेकिन वे जीत नहीं सके थे. कांग्रेस नेता महेश जोशी भतीजे अश्विन जोशी के बाद अपने बेटे दीपक जोशी को राजनीति में लाने की कोशिश में है. इस बार वो इंदौर 3 से भतीजे बजाय बेटे दीपक जोशी को टिकट दिलाना चाहते हैं. बता दें कि अश्विन जोशी इसी सीट से तीन बार विधायक रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव में हार गए थे.

इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के सुरक्षित है. ये सीट प्रकाश सोनकर परिवार आसपास घूमती रही है. प्रकाश सोनकर के निधन के बाद पत्नी चुनाव लड़ीं, लेकिन जीत नहीं सकी. प्रकाश के नजदीकी राजेश सोनकर यहां से बीजेपी विधायक बने. अब प्रकाश के बेटे विजय के साथ ही भतीजे सावन सोनकर बीजेपी से टिकट मांग रहे हैं. देपालपुर की राजनीति बीजेपी के दिग्गज नेता निर्भय सिंह पटेल के बेटे मनोज पटेल विधायक हैं. वे 2003 में पहली बार विधायक बने थे. 2008 में भी बीजेपी के उम्मीदवार थे लेकिन जीत नहीं पाए उसके बाद 2013 में फिर विधायक बने और चौथी बार फिर टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं

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