ऊना। अराजपत्रित कर्मचारी महासघं जिला ऊना के प्रधान रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में जयराम ठाकुर सरकार को बने हुए करीब एक वर्ष होने वाला है, लेकिन प्रदेश का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ अभी तक गुटों में ही बंटा हुआ है।
कर्मचारियों की मांगों को प्रदेश सरकार के समक्ष कब रखा जाएगा यह प्रश्न प्रदेश के कर्मचारियों के मन में बार-2 उठ रहा है। रमेश ने कहा कि प्रदेश में जब भी नई सरकार का गठन होता है तो प्रदेश का कर्मचारी प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक गुटों में बंट कर रह जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि नेताओं को कुर्सी का मोह है और कर्मचारियों की समस्याओं से कोई मतलब नही है। प्रदेश के 11 जिलों में प्रदेश स्तर के कर्मचारी नेताओ ने जिला के कर्मचारियों को दो-दो गुटो में बांट कर रखा हुआ है।
जिससे प्रदेश का हर कर्मचारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियो की मांगे जिनमें 4-9-14 की विशेष वेतन वृद्धि बहाल, पुरानी पेंशन न वहाल, आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक पॉलसी, कई कर्मचारी वर्गो की वेतन विसगतियां और अन्य मांगो का निवारण करवाना को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि तीनों गुट एक हो कर एक माह के भीतर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासघं के चुनाव करवाने में नकाम रहते है तो जिला ऊना इस बार प्रदेश के अराजपत्रित कर्मचारी महासघं की प्रधान पद की दावेदारी पेश करने से पीछे नहीं हटेगा। प्रदेश में कार्यरत कर्मचारियो की समस्याओ के समाधान हेतु प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक जल्द करवाई जाएगी।