मध्यप्रदेश की सियासत का केन्द्र भोपाल है, ऐसे में यहां की सीटों पर कब्जा जमाने की ख्वाहिश सभी दलों के मन में रहती है. लिहाजा मध्य विधानसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस की नजरें गिद्ध की तरह टिकी हैं. 2008 विधानसभा चुनाव से पहले हुए परिसीमन में दक्षिण और उत्तर विधानसभा क्षेत्र से अलग कर भोपाल मध्य विधानसभा सीट अस्तित्व में आई, जिस पर पिछले दो चुनावों से बीजेपी परचम लहरा रही है. यहां हिंदू-मुस्मिलम दोनों वोटर बराबर हैं.
इस सीट पर चुनाव से पहले कांग्रेस का माहौल नजर आता है, लेकिन परिणाम आने के बाद ये बीजेपी के पाले में चली जाती है. अस्तित्व में आने के बाद से ही इस सीट पर बीजेपी का अच्छा खासा प्रभाव है. 2008 के चुनाव बीजेपी ने इस सीट से ध्रुवनारायण पर भरोसा जताया था, जिस पर वह खरे भी उतरे. उन्होंने कांग्रेस के नासिर इस्लाम को करीब ढाई हजार वोटों से मात देकर बीजेपी का झंडा बुलंद किया था.
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव लगाया और नतीजा पिछले चुनाव की तरह ही रहा. इस सीट पर बीजेपी के सुरेंद्रनाथ ने कांग्रेस के आरिफ मसूद को करीब सात हजार वोटों से पटखनी दी. इस क्षेत्र की बात करें तो मध्य विधानसभा सीट के अंतर्गत जितना पुराना शहर आता है उतना ही नया.
यही वजह है कि यहां की समस्याएं अलग-अलग हैं. पुराने शहर में यातायात बड़ी समस्या है. अतिक्रमण भी एक बड़ा मुद्दा है. क्षेत्र में शहर का सबसे बड़ा बाजार छह नंबर मनीषा मार्केट और दस नंबर बिट्टल मार्केट आता है, यहां भी पार्किंग की बड़ी समस्या देखने को मिलती है. जिससे लोग काफी परेशान होते हैं, जबकि ड्रेनेज की समस्या, पीने के पानी की समस्या भी है. गौर करने वाली बात ये कि यहां नर्मदा लाइन आने के बावजूद इस क्षेत्र के लोग बड़े तालाब पर ही निर्भर हैं.
इस सीट पर बीजेपी हर बार कैंडिडेट बदल रही है. 2008 में ध्रुव नारायण सक्सेना पर बीजेपी ने दाव लगाया, जबकि 2013 में सुरेंद्रनाथ पर. इन दोनों उम्मीदवारों ने बीजेपी की झोली में इस सीट को जीतकर डाल दी. इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इस सीट से किसी नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है. बीजेपी से भी करीब आधा दर्जन नेता चुनाव में उतरने के लिए ताल ठोक रहे हैं. ध्रुवनारायण और सुरेंद्रनाथ एक बार फिर टिकट की डिमांड कर रहे हैं. इसके अवाला टिकट की आस में महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम के अध्यक्ष और सीएम शिवराज सिंह चौहान के चचेरे भाई सुरजीत सिंह चौहान. युवा नेता राहुल कोठारी भी टिकट के लिए भागा-दौड़ी कर रहे हैं.
इस सीट से कांग्रेस के आधा दर्जन नेता टिकट मांग रहे हैं. पिछला चुनाव हार चुके आरिफ मसूद और नासिर इस्लाम फिर से टिकट मांग रहे हैं. इनके अलावा वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा, पूर्व महापौर विभा पटेल, साजिद अली भी टिकट की दौड़ में हैं, सभी नेता अपने-अपने तरीके से टिकट पाने की जुगाड़ कर रहे हैं.