ऊना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-2 प्रीति ठाकुर की अदालत ने सौतेले भाई की हत्या करने के आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी को विभिन्न धाराओं के तहत 30 हजार रुपये जुर्माना अदा करना होगा।
उप जिला न्यायवादी नवीन कुमार धीमान ने बताया कि अदालत में मामले की पैरवी उप न्यायवादी संजय पंडित ने की। उन्होंने बताया कि 16 मई 2016 को संतोषगढ़ निवासी सुनीता देवी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि वह अपने पति सुलेख कुमार और अन्य परिजनों के साथ शाम करीब सात बजे घर में मौजूद थी। इसी दौरान पति का सौतेला भाई पवन कुमार शराब के नशे में धुत्त होकर आया और गाली गलौज करने लगा। जब सुलेख कुमार ने उसे रोकने का प्रयास किया तो पवन उसके साथ मारपीट करने पर उतारू हो गया। इसी दौरान पवन ने अपने सौतेले भाई सुलेख पर किसी नुकीली चीज से वार कर दिया। पवन ने सुलेख की छाती और पेट पर कई वार किए,
जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायलावस्था में सुलेख को फौरन उपचार के लिए ऊना क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से करीब 20 गवाह अदालत में पेश किए गए। एडीजे-2 प्रीति ठाकुर ने मामले पर फैसला सुनाते हुए पवन कुमार को दोषी करार दिया। उन्होंने पवन को धारा 302 के तहत उम्रकैद, 25 हजार रुपये जुर्माना, धारा 452 के तहत दो साल कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। कोर्ट ने जिला विधिक सेवाएं अधिनियम के तहत मृतक सुलेख कुमार की पत्नी सुनीता देवी को उचित मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।