आज भाई दूज के साथ चित्रगुप्त भगवान की भी पूजा की जाएगी. चित्रगुप्त हिंदुओं के प्रमुख देवता माने जाते हैं. पुराणों के मुताबिक, वो अपने दरबार में मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा कर न्याय करते थे.
व्यापारियों के लिए यह नए साल की शुरुआत मानी जाती है. इस दिन नए बहियों पर ‘श्री’ लिखकर कार्यप्रारंभ किया जाता है. इस दिन अगर चचेरी, ममेरी, फुफेरी या कोई भी बहन अपने हाथ से भाई को खाना खिलाए तो उसकी उम्र बढ़ जाती है. साथ ही जिंदगी के कष्ट भी दूर होते हैं.
कौन हैं चित्रगुप्त महाराज और क्या है इनकी महिमा?
चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त से हुआ था.
इनका कार्य प्राणियों के कर्मों के हिसाब किताब रखना है.
मुख्य रूप से इनकी पूजा भाई दूज के दिन होती है.
इनकी पूजा से लेखनी, वाणी और विद्या का वरदान मिलता है.
इस दिन चित्रगुप्त जी की उपासना कैसे करें ?
प्रातः काल पूर्व दिशा में चौक बनाएं.
इस पर चित्रगुप्त भगवान के विग्रह की स्थापना करें.
उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं, पुष्प और मिष्ठान्न अर्पित करें.
उन्हें एक कलम भी अर्पित करें.
इसके बाद एक सफ़ेद कागज पर हल्दी लगाकर उस पर “श्री गणेशाय नमः” लिखें.
फिर “ॐ चित्रगुप्ताय नमः” 11 बार लिखें.
भगवान चित्रगुप्त से विद्या,बुद्धि और लेखन का वरदान मांगें.
अर्पित की हुई कलम को सुरक्षित रखें और वर्ष भर प्रयोग करें.