इस दौरान आरोपी को जाते हुए एक पुलिसकर्मी ने भी देखा, लेकिन उसे नहीं रोका. बाद में थाने से गाड़ी चोरी की सूचना मिली, तो पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. सूचना के बाद आनन-फानन में थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. जिसमें एक युवक गाड़ी ले जाता हुआ साफ दिखाई दिया. बताया जा रहा है कि भोपाल के थाना शाहजहांनाबाद क्षेत्र का रहने वाला समीर जुआ खेलने का आदी है जिसने थाने के एक आरक्षक से दोस्ती कर रखी है. पिछले दिनों समीर जुए में करीब 15 हजार रुपये की रकम हार गया था. जिसके बाद उसने अपने आरक्षक दोस्त से वाहन को गिरवी रख बिना लिखा-पढ़ी संबंधों के आधार पर 15 हजार रुपये उधार लिए और वो रकम भी जुए में हार गया.
गिरवी रखी गाड़ी की एक अन्य चाबी समीर के पास ही थी. जिसके बाद आरोपी गुपचुप तरीके से थाने में पहुंचा और मोपेड को उठाया और चलता बना. आरक्षक को जब थाने में गाड़ी नहीं खड़ी दिखी, तो उसने स्टाफ से पूछताछ की. फिर सीसीटीवी फुटेज देखे, जिसमें समीर गाड़ी ले जाते हुए दिखाई दे रहा है. चूंकि गाड़ी समीर के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है, लिहाजा आरक्षक ने समीर पर चोरी का मामला दर्ज करने के लिए लिखा-पढ़ी शुरू की, लेकिन जब थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा रही थी, तभी समीर आ पहुंचा और आरक्षक से राजीनामा कर लिया.
वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की भनक लगने के बाद आरक्षक को जमकर फटकारा गया. हालांकि अभी भी इस मामले में थाना पुलिस और टीआई के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है. शाहजहांनाबाद टीआई शैलेंद्र सिंह मुकाती का कहना है कि गाड़ी को किसी मामले में तस्दीक के लिए थाने में खड़ा किया गया था, जिसे संभवतः वही व्यक्ति ले गया है, जिसकी गाड़ी थी. फिलहाल इस मामले में जांच की जा रही है.