प्रदेशभर में वर्तमान में कुपोषण से 26 फीसदी बच्चों का कद औसत से कम है। ऐसे में पांच जिलों चंबा, ऊना, सोलन, शिमला और हमीरपुर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। कुपोषण को कम करने के लिए विभाग ने विशेष अभियान भी छेड़ा है।
सूबे में कुपोषण को वर्ष 2022 तक 15 फीसदी करने का लक्ष्य है। कुपोषण से खासकर बच्चे और महिलाएं ज्यादा ग्रसित हो रही हैं। कुपोषण को कम करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और गांवों आदि में जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं।बच्चों को पौष्टिक आहार देने का आह्वान किया जा रहा है। क्योंकि बच्चों का कुपोषण से ग्रसित होने का मुख्य कारण पौष्टिक आहार न मिलना है। कुपोषण के कारण महिलाएं और बच्चे कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं।
उनके शरीर का विकास नहीं हो पाता है। सरकार ने पहले चरण में चंबा, ऊना, सोलन, शिमला और हमीरपुर में इसके लिए विशेष अभियान चलाया है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग हमीरपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी तिलक राज आचार्य ने कहा कि कुपोषण को वर्ष 2022 तक 15 करने का लक्ष्य है। कुपोषण को कम करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया है कि वह बच्चों को पौष्टिक भोजन दें।