खाद्य आपूर्ति निगम अब स्मार्ट स्कूल वर्दी का मामला मुख्यमंत्री से उठाएगा। बीते करीब चार महीने से सरकार ने टेंडर की फाइल को मंजूरी नहीं दी है। शीतकालीन स्कूल में शिक्षा सत्र दिसंबर अंत तक खत्म होने वाला है पर विद्यार्थियों को अभी तक वर्दी नहीं दी गई है।
उधर, वर्दी के लिए जिन कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया था, उनमें से एक कंपनी को छोड़कर अन्य ने खाद्य आपूर्ति निगम से ब्याज समेत अपनी धरोहर राशि वापस मांगी है। खाद्य आपूर्ति निगम ने इस फाइल को शिक्षा विभाग को भेज दिया है।
निगम का कहना है कि शिक्षा विभाग ने समय रहते टेंडर आवंटन को मंजूरी नहीं दी है। निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि यह मामला काफी समय से लटका है। निगम ने सारी औपचारिकताएं पूरी कर मामला सरकार को भेजा है। अब वह स्वयं इस मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उठाएंगे।
उल्लेखनीय है कि पहली से बारहवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी दी जानी है। इसको लेकर खाद्य आपूर्ति निगम ने 18 मई, 2018 को टेंडर आमंत्रित किए। इसमें 6 कंपनियों ने हिस्सा लिया। सभी कंपनियों के सैंपल सही पाए गए। वित्तीय निविदा में जिस कंपनी का रेट सबसे कम था, उससे निगम की सहमति बनी। 1 अगस्त को मामला प्रदेश सरकार को भेजा गया। तब से अब तक यह मामला सरकार के विचाराधीन है।