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धरती को विनाश से बचाने के लिए ऊर्जा संरक्षण आवश्यक : CM जयराम ठाकुर..

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भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा संरक्षण-2018 पर राष्ट्रीय अभियान के अन्तर्गत सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चित्र लेखन प्रतियोगता की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अति आवश्यक है और इसके बिना विश्व अपने प्राकृतिक संसाधनों को खो देगा और मानवता को अन्य वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों पर निर्भर होना पड़ेगा जो विशाल विनाशकारी अपशिष्ट उत्पाद बनाने की कीमत पर है, जिसके कारण माता पृथ्वी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण तकनीकों का लक्ष्य मांग को कम करना, आपूर्ति और उपयोग को कम करना, वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों को विकसित व उपयोग करना होना चाहिए। यह ऊर्जा को अधिक कुशलतापूर्वक अथवा उपयोग की जाने वाली मात्रा को कम करके हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा बचाने के लिए युवा पीढ़ी में ऊर्जा संरक्षण की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण में स्कूली बच्चे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इस दिशा में ब्रांड एम्बेसडर के रूप मे कार्य कर सकते हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए निवेशक अनुकूल जल विद्युत नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत ऊर्जा उत्पादकों के लिए अनेक प्रोत्साहनों की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 27000 मेगावाट से अधिक जल विद्युत की क्षमता है और इसका दोहन हो जाने पर राज्य की आर्थिकी में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल इस क्षमता का दोहन करने में मुख्य सहयोगी है और इस प्रकार राज्य के विकास का भी सहयोगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसजेवीएनएल न केवल अपना कारोबार जल विद्युत, थर्मल, विंड तथा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से कर रहा है, बल्कि जनमानस को अंशदान, छात्रवृत्ति कार्यक्रमों इत्यादि के माध्यम से सहायता कर एसजेवीएन फांउडेशन के माध्यम से अपनी सीएसआर परियोजनाओं के संचालन से सेवा का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि चित्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करके एनजेवीएनएल ने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दर्शाने के साथ-साथ उन्हें ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस प्रतियोगिता में राज्य के 5000 स्कूलों के लगभग 1.50 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि एसजेवीएनएल ऊर्जा उत्पादन में देशभर में एक अग्रणी निगम के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय निगम के समर्पित अधिकारियों व कर्मचारियों को जाता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने चित्र लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई दी।
अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक एसजेवीएनएल डॉ. नन्द लाल शर्मा शर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एसजेवीएनएल राज्य के विकास में योगदान करता रहेगा। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल राज्य में 19 परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। उन्होंने कम्पनी को हाल ही में 780 मेगावाट क्षमता की जंगी-थोपन जल विद्युत परियोजना आवंटित करने के लिए राज्य सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल राज्य के विशेषकर जनजातीय ज़िलों में मौजूद ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में अगले माह राष्ट्र स्तर पर चित्र लेखन
प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा,  जिसमें राज्य के तीन विद्यार्थी भाग लेंगे।
चित्र लेखन प्रतियोगिता की श्रेणी-ए कक्षा चौथी से छठी में सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला के आनन्दी जैन ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया तथा उन्हें 20 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया, द्वितीय पुरस्कार डीएवी स्कूल सरस्वती नगर की वास्वी गुमाता जिन्हें 15 हजार तथा तृतीय पुरस्कार डीएवी स्कूल टुटू के संचित ने प्राप्त किया जिन्हें 10 हजार रुपये की नकद राशि प्रदान की गई। इसके अलावा 13 अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में पांच-पांच हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।
श्रेणी-बी में सातवीं से नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने भाग लिया जिसमें पीनग्रोव स्कूल के प्रांजल चाहर ने प्रथम पुस्कार प्राप्त किया तथा उन्हें 20 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि द्वितीय पुरस्कार डीएवी टूटू के कानव ने प्राप्त किया जिन्हें 15 हजार तथा तृतीय पुरस्कार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ननग्रां के इन्द्रजीत सिंह ने प्राप्त किया जिन्हें 10 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा 13 अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में पांच-पांच हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, हिमफैड के अध्यक्ष एवं स्वतंत्र निदेशक एवं सीएसआर समिति के अध्यक्ष गणेश दत्त, एसजेवीएनएल के निदेशकगण तथा एसजेवीएनएल व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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