ऊना। सिविल अस्पताल चिंतपूर्णी में अव्यवस्थाओं का आलम है। अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मात्र एक चिकित्सक के हवाले ही स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा है।
इससे रोजाना उपचार को आने वाले रोगियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिंतपूर्णी अस्पताल में 15 पंचायतों के लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। पंचायत गंगोट, छपरोह, डूहल बंगवाला, भटवाला, नारी, ज्वाल, धर्मशाल महंता, समनोली के करीब चार हजार की आबादी के लिए चिंतपूर्णी अस्पताल ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र है। यहां चिकित्सकों की कमी के कारण घंटों मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। कई मरीजों को अस्पताल में एक डॉक्टर के तैनात होने के कारण निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है।
धर्मशाल महंता खास की प्रधान गुरमीत कौर ने चिंतपूर्णी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को लेकर रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिंतपूर्णी में रिक्त चल रहे स्टाफ के बारे में कई बार अवगत करवाया गया है। उन्होंने कहा कि जब स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार चिंतपूर्णी आए थे, उस दौरान भी उन्हें समस्या के बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन यहां डाक्टरों की कमी को आज तक पूरा नहीं किया गया है। प्रधान गुरमीत कौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मांग की है कि चिंतपूर्णी में डॉक्टरों के स्टाफ की कमी को शीघ्र पूरा किया जाए।