तंत्र साधना में विशेष रूप से शिव की तंत्र साधना में भैरव का विशेष महत्व है. भैरव वैसे तो शिव जी के ही रौद्र रूप हैं, परन्तु कहीं-कहीं पर इनको शिव का पुत्र भी माना जाता है. कहीं पर ये भी माना जाता है कि जो कोई भी शिव के मार्ग पर चलता है, उसे भैरव कहा जाता है.
इनकी उपासना से भय और अवसाद का नाश होता है. व्यक्ति को अदम्य साहस मिल जाता है. शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा अचूक होती है. शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए राशि अुनसार इनकी पूजा अवश्य करें.
मेष- भगवान भैरव को हरे फल का भोग लगाएं.
वृषभ- भगवान भैरव को दूध से बनी हुई मिठाइयों का भोग लगाएं.
मिथुन- भगवान भैरव को लाल फूल अर्पित करें.
कर्क- भगवान भैरव को पीला वस्त्र अर्पित करें.
सिंह- भगवान भैरव को उरद के बड़ों का भोग लगाएं.
कन्या- भगवान भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
तुला- भगवान भैरव को पीले फल का भोग लगाएं.
वृश्चिक- भगवान भैरव को गुड़ या गुड़ की बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं.
धनु – भगवान भैरव को दूध या दूध की बनी मिठाई का भोग लगाएं.
मकर- भगवान भैरव को हरे फल का भोग लगाएं.
कुम्भ- भगवान भैरव को सुगंध अर्पित करें.
मीन- भगवान भैरव को लाल वस्त्र अर्पित करें