इन संवेदनशील इलाकों में अनंतनाग, श्रीनगर, बारामुला, बड़गाम, पुलवामा और कुपावाड़ा शामिल हैं. यहां से 18 से 22 उम्र के 132 युवा भागीदारी करेंगे. इस मौके पर ब्रिगेडियर राजेश जोशी ने कहा कि यह पहल बहुत सराहनीय है. जम्मू-कश्मीर के छात्र भोपाल जैसे शहर में अमन-शांति का माहौल देखेंगे, यहां की उन्नति को देखेंगे तो उन्हें सीख मिलेगी. इसके अलावा शहर में मिलजुल कर रह रहे मुस्लिम और हिन्दू समुदाय के लोगों को देखकर भी उन्हें सीख मिलेगी. वहीं छात्र अपने कल्चर के बारे में बताएंगे जिससे आपसी मेल-जोल बढ़ेगा.
कार्यक्रम के अंतर्गत अलग-अलग सत्रों में व्याख्यान होंगे. साथ ही विभिन्न पर्यटन स्थलों पर ले जाया जाएगा. इन जगहों में सांची, मानव संग्रहालय, ताजुल मस्जिद के साथ शैक्षणिक संस्थाएं शामिल हैं. कार्यक्रम में फूड फेस्टिवल, हस्तशिल्प प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे