प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दिल्ली के बीच मिनी बुलेट ट्रेन कही जाने वाली ट्रेन-18 को चलाने पर विचार विमर्श चल रहा है. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन का रविवार को ही सफल परीक्षण किया गया.
रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस रूट के बारे में तमाम जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं. इसके बारे में जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिए जाने की संभावना बताई जा रही है.मंत्रालय के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक ट्रेन 18 को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर को दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जा सकता है. योजना के मुताबिक यह ट्रेन नई दिल्ली से सुबह 6:00 बजे चलेगी और दोपहर 2:00 बजे वाराणसी पहुंचेगी.
हालांकि जिस रेलवे रूट पर वाराणसी पड़ता है, उस पर कंजेशन काफी ज्यादा है. ट्रेन को सही समय और बिना देरी के चलाने के लिए क्या-क्या और कदम उठाए जाने हैं, इस पर चर्चा चल रही है. इस पर विचार करने के लिए ट्रेन के सफल ट्रायल के बाद जल्द ही रेल मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जानी है.
गौरतलब है कि ट्रेन 18 कोटा से सवाई माधोपुर के बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर सफल तरीके से परीक्षण किया जा रहा है. ट्रेन की स्पीड को अभी एक बार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर चला कर देखा गया है. अगले 10 दिनों तक इस ट्रेन के इसी स्पीड के आसपास कई ट्रायल होने हैं.
180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रेन के सफल परीक्षण पर इंटीग्रल कोच फैक्टरी के जनरल मैनेजर सुधांशु मणि ने बधाई देते हुए कहा है कि यह ट्रेन भारतीय रेलवे का चेहरा बदल देगी. उन्होंने बताया कि मार्च तक आईसीएफ ट्रेन 18 की 4 रैक और बना ली जाएगी. इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा कि जोर की स्पीड का झटका धीरे से. उन्होंने भारतीय रेलवे के इंजीनियर्स की तारीफ करते हुए कहा कि इससे उनके बेहतरीन काम का पता चलता है.