दरअसल शिवराज सरकार ने जुलाई 2017 में नर्मदा किनारे सात करोड पौधे रोपकर विश्व रिकार्ड का दावा किया था. इस पौधरोपण में लगातार दो साल तक भारी भ्रष्टाचार के आरोप शिवराज सरकार पर लगे. लेकिन, सरकार ने आरोपों को नकारते हुए जुलाई 2018 में भी पौधरोपण का काम किया. अब जब प्रदेश में सरकार बदल गयी है, तो नर्मदा किनारे पौधरोपण की जांच की मांग उठने लगी है. जिसके चलते किसी दूसरी एंजेसी से जांच कराने की बात कही जा रही है.
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा है कि सरकार नर्मदा किनारे पौधरोपण में हुई गडबडी की जांच की तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि मां नर्मदे में जिस प्रकार से भारी भ्रष्टाचार खुलकर सामने आया है. हम उसकी तह में जाएंगे और एक थर्ड एंजेसी से उसकी जांच करवाएंगे.