कमलनाथ ने अपने सरकार के प्रति भरोसा जताया है और कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी के पांच विधायक उनके संपर्क में हैं. बीजेपी के ये विधायक अपनी पार्टी में अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं. कमलनाथ ने कहा कि यदि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ने का प्रयास करती है तो वह भी वही करेंगे.
मध्य प्रदेश के नए-नवेले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्य में कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के लिए अपनी ओर से भरपूर कोशिश कर रही है. इंडिया टुडे के साथ खास इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा, ‘कम से कम पांच कांग्रेस विधायकों ने कहा है कि बीजेपी नेताओं ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की. वो तमाम तरह के प्रलोभनों के साथ कोशिश कर रहे हैं.’
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए आए कमलनाथ ने कहा, ‘वो (बीजेपी) इसकी कोशिश कर रहे हैं. हमने ये स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के दौरान भी देखा जहां वो बहुत पीछे रहे.’ बीते दो हफ्ते में कर्नाटक ने राजनीतिक ड्रामा देखा जहां ‘ऑपरेशन लोटस 2.0’ का खूब जिक्र हुआ. बीजेपी के लिए कहा गया कि उसने कथित तौर पर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश की.कमलनाथ ने मध्य प्रदेश को लेकर कहा कि बीजेपी के कुछ विधायक हैं जो अपने लिए इस पार्टी में कोई भविष्य नहीं देख रहे. कमलनाथ के मुताबिक बीजेपी के 5-6 विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं लेकिन फिलहाल उन्हें उनकी ज़रूरत नहीं.
ये पूछे जाने पर कि दावोस संपर्क कैसे मध्य प्रदेश की मदद करेगा तो कमलनाथ ने कहा, ‘मैं यहां राज्य में निवेश आमंत्रित करने के लिए आया हूं. हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती युवा वर्ग की बेरोजगारी है. हमारा बड़ा महत्वाकांक्षी समाज है और ये तब तक नहीं हो सकता जब तक राज्य में निवेश नहीं होगा. मैं उन्हें बताऊंगा कि मध्य प्रदेश कैसे भौगोलिक दृष्टि से आदर्श है. कैसे सामान की आवाजाही के लिहाज से मध्य प्रदेश को विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) के लिए मुख्य केंद्र बनाना बेहतर रहेगा.
मध्य प्रदेश में पेश आने वाली चुनौतियों के संबंध में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा, ‘निवेश भरोसे का विषय है. आप निवेश की मांग नही कर सकते. इसे आकर्षित किया जा सकता है. राज्य में जिस तरह की हम सरकार रखते हैं, जिस तरह के लॉजिस्टिक फायदे हैं, जिस तरह का भूमि क्षेत्र है, ये सब निवेशक के लिए बड़े फायदे की बातें हैं.’
एक महीने के मुख्यमंत्री के नाते कार्यकाल में क्या बड़े कदम उठाए गए, इस सवाल के जवाब में कमलनाथ ने किसानों के कर्ज माफी, वृद्धावस्था पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये करना और विवाह सहायता के लिए राशि बढ़ाकर 51,000 रुपये करना आदि के नाम लिए.
2019 लोकसभा चुनाव की लड़ाई को लेकर कमलनाथ ने कहा कि मतदाता निराश होने के लिए तैयार हैं लेकिन वो ठगे जाने के लिए तैयार नहीं हैं. कमलनाथ ने कहा, ‘जिस वक्त मतदाता को लगता है कि वो ठगा गया है तो वो उस पार्टी के लिए वोट नहीं करेगा. इस सरकार (केंद्र) की ओर से किए गए सभी लंबे चौड़े वादे नाकाम रहे- चाहे वो नौकरियां हों, कृषि हो या हर खाते में 15 लाख रुपए भेजने का जुमला हो.’
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार बजट से पहले किसानों के लिए मेगा योजना लाने पर विचार कर रही है. कमलनाथ से जब पूछा गया कि क्या ये गेम-चेंजर साबित हो सकती है तो उन्होंने कहा, ‘ये किसानों को चुनाव से ठीक पहले झांसा देने का एक और तरीका है. देश घोषणाओं से ऊब चुका है. अब वो इन पर अमल होना देखना चाहता है. मतदाताओं को और झांसा नहीं दिया जा सकता.’
कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कहा, ‘उन्होंने उपाध्यक्ष और अध्यक्ष के नाते दो साल से सक्रिय राजनीति में हैं. उनमें असाधारण बदलाव आया है….वो किसी भी पद के भूखे नहीं हैं.’क्या यूपी में कांग्रेस के लिए ये निरर्थक नहीं रहा कि वो एसपी और बीएसपी के साथ राज्य में गठबंधन नहीं कर सकी? इस सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, ‘नहीं, बिल्कुल नहीं. अभी आखिरी बात नहीं कही गई है.’उत्साहित लग रहे कमलनाथ ने आखिर में ये कह कर अपनी बात खत्म की- ‘मैं इसे अपने आखिरी वर्ल्ड कप के तौर पर नहीं देखता. मैं संसद में 38 साल से हूं. मैं राज्य को जानता हूं. मैं गांव से लेकर दावोस तक पूरे स्पेक्ट्रम को देख सकता हूं.’