Home आर्टिकल लोकतंत्र में सहभागिता का उत्सव…..

लोकतंत्र में सहभागिता का उत्सव…..

106
0
SHARE

मध्यप्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाने का सिलसिला वर्ष 2011 से प्रारंभ हुआ है। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी लोकतंत्र के इस पवित्र उत्सव को प्रतिवर्ष 25 जनवरी को पूरे उत्साह और उमंग के साथ राज्य, जिला एवं प्रत्येक मतदान केन्द्र स्तर पर मनाया जाता है। लोकतंत्र को मजबूत करने और मतदाता जागरूकता के लिये आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह में सभी वर्ग के लोग भाग लेते हैं। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के आयोजन का यह नौवा अवसर है।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐतिहासिक ‘मिंटो हाल’ (कन्वेंशन सेंटर) में राज्य स्तरीय समारोह के अलावा सभी जिलों में तथा 65 हजार 283 मतदान केन्द्रों में भी मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। आयोजन के पहले 18-19 वर्ष आयु के युवाओं को साथ लेकर, स्लोगन, चित्रकला, वाद-विवाद, निबंध, आदि प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई है। चुनाव आयोग की पहल पर निर्वाचन प्रक्रिया संबंधी विषय पर युवाओं के बीच क्विज प्रतियोगिता का वृहद आयोजन भी किया जाता रहा है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पिछले आठ आयोजन में तत्कालीन माननीय राज्यपाल और मुख्य सचिव के अलावा अन्य विशिष्टजन ने उपस्थित होकर समारोह की शान बढ़ाई है। प्रत्येक आयोजन में निर्वाचन कार्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों के कलेक्टर, निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों, स्वीप पार्टनर्स विभाग और बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर को भी पुरस्कृत किया जाता रहा है। मतदाता जागरूकता संबंधी विषय पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया जाता है।

भारत निर्वाचन आयोग ने इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘कोई भी मतदाता न छूटे” (‘No Voter to be left Behind’ ) अर्थात कोई भी मतदाता निर्वाचन के दौरान मतदान से न छूटे रखी है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राज्य स्तरीय भव्य एवं गरिमामय आयोजन में मतदाताओं को निर्वाचनों में भाग लेने तथा लोकतंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लेने की शपथ दिलवाई जाती है। आयोजन स्थल पर चुनाव के इतिहास को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी अपने आप में रोचक और ऐतिहासिक होती है। मतदाता दिवस के अवसर पर मतदाता जागरूकता पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन भी अनेक स्थान पर किया जाता है। पहली बार मतदाता बनने का सौभाग्य 18-19 साल के जिन युवाओं को मिला है, हमें उन पर गर्व है। उन्हें ‘मतदाता होने का गर्व है ओर मतदान के लिये तैयार हैं हम” के बैज लगाकर वोटर आई.डी. कार्ड प्रदान किये जाते हैं।

हमारे लिये यह गर्व का विषय है कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस के आयोजन में युवाओं से जुड़ी संस्थाओं जैसे एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केन्द्र और भारत स्काउट एवं गाइड तथा विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों और संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिलता है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की मंशा के अनुरूप उद्देश्य प्रत्येक मतदाता तक पहुँचता है। मतदाता जागरूकता के साथ-साथ यह भी देखा जाता है कि कि प्रत्येक मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हुआ अथवा नहीं। हालांकि इसके लिये इस वर्ष भी निर्वाचक का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम भी चलाया गया है। मध्यप्रदेश के मतदाताओं को ईवीएम की विश्वसनीयता और पारदर्शिता से अवगत करवाया गया है। ईवीएम के साथ वीवी पैट के उपयोग की जानकारी मतदाताओं को देने के लिये भी व्यापक पहल की गई है। वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के आम निर्वाचन में वीवी पैट का उपयोग किया गया है।

आईये, राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर हम भी जागरूक मतदाता के रूप में लोकतंत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लें।

लोकतंत्र का भाग्य विधाता,बने सब जागरूक मतदाता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here