टाहलीवाल में दिन के 12 बजे। सब कुछ रोज की तरह सामान्य। सड़क पर वाहनों की आवाजाही जारी। इतने में एक ट्रक बेकाबू होकर आया और दोपहिया वाहनों को रौंदता, दुकानों को तोड़ता हुआ एक खंभे से टकराकर रुक गया। पल भर में ही जिंदगी भर न भूलने वाले जख्म दे गया। एक परिवार से उनका सब कुछ छीन लिया। कारोबारियों के हिस्से में भर दिया भारी आर्थिक नुकसान।
प्रत्यक्षदर्शी विनीत कुमार समीप ही कंफेक्शनरी की दुकान करते हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना की तरह वह काम में व्यस्त थे। एक जोरदार आवाज आई और पाया कि सामने एक ट्रक खंबे के साथ टकराया हुआ है। उसके पीछे दुकानों का सामान तितर-बितर पड़ा था। कई लोग सड़क पर गिरे हुए थे। इसके बाद चारों ओर हाहाकार मच गया। हादसा इतना भयानक था कि उनका दिल दहल गया। जब वह दुकान से बाहर निकले तो मुख्य चौक खून से सना पड़ा था। एकाएक काफी तादाद में लोग वहां इकट्ठा हो गए। इसके बाद बेसुध व घायलों की मदद के प्रयास शुरू हुए। घायलों की हालत ऐसी थी कि मन पसीज जाए। दुकानों का सामान बुरी तरह से बिखरा पड़ा था। हर तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। थोड़ी देर में पुलिस व प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। बिखरे दुकानों के ढांचे और सामान को उठाने के प्रयास हुए। मृतकों व घायलों के परिजन बेहाल थे तो प्रभावित कारोबारियों की मनोदशा भी खराब थी।यह हादसा कुछ पलों का था पर इसका प्रभाव लोगों के मन और मस्तिष्क दोनों पर छप चुका है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे किस तरह अंश छोड़ जाते हैं, यह उन्हें आज अनुभव हुआ है।