खंडवा में किसानों को सिंचाई के लिए बमुश्किल आधा घंटा ही मिल पा रहा है, जिससे किसानों को उनकी गेहूं की फसल खराब होने का डर है. दरअसल जिले के छैगांव माखन विकासखंड में रबी की फसल के लिए पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. हर साल ठंड का सीजन खत्म होने से पहले ही जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है. इससे किसान अपनी फसल के लिए जरूरत के मुताबिक सिंचाई नहीं कर पाता. जिसके चलते गेहूं की पैदावार बेहद कम और उसकी गुणवत्ता औसत दर्जे की रह जाती है. जिले में यह समस्या कई सालों से है. गर्मी के मौसम में यहां भीषण जलसंकट खड़ा हो जाता है, यहां तक कि लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं होता है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए शासन ने छैगाँवमाखन उद्वहन सिंचाई परियोजना बनाई और साल 2017 से इसका शुभारंभ स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. इसे तीन साल में पूरा होना है, यानि अभी इसे दो साल और लगने हैं, तब तक किसानों को इसी तरह समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है.
छैगांवमाखन के किसान गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि गेहूं में सिंचाई के लिए 2-3 घंटे का पानी की जरूरत होती है, लेकिन मोटर केवल 30 मिनट ही चलती है, ऐसे में गेहूं पतली हो जाएगी और पदावार पर असर पड़ेगा. वहीं किसान अशोक महाजन का कहना है कि इस विकासखंड में पानी नहीं के बराबर है और पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. किसानों की कर्ज माफी पर इनका कहना है कि इससे किसानों का उद्धार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फसलों के भाव अच्छे मिलने चाहिए. पैदावार अच्छी होने के बावजूद भी अब भाव अच्छा नहीं मिलता है.