भोपाल। शहर के बीआरटी कॉरिडोर में लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। इसकी वजह-कॉरिडोर में कई तरह की खामियां होना है। कई स्थानों पर कॉरिडोर में लगे गेट और जालियां टूटीं हैं, सिंग्नल बंद पड़े हैं, इतना ही नहीं कॉरिडोर में लो फ्लोर बसों के अलावा अन्य वाहन भी बिना रोक टोक के चलाए जा रहे हैं। इन्हीं खामियों के चलते कॉरिडोर में पिछले तीन साल में 38 सड़क हादसे हुए। इसमें 6 लोगों की मौत और 26 घायल हुए। सबसे ज्यादा दुर्घटना बैरागढ़ इलाके में हुईं हंै। यहां 22 हादसे हुए।
यह बात मानवाधिकार आयोग ने मानी है। दरअसल, बीआरटी कॉरिडोर में हो रहे हादसों के मामले में आयोग ने संज्ञान लिया था। इस संबंध में आयोग ने जिला प्रशासन, नगर निगम और बीसीएलएल से जांच रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन तीनों ने रिपोर्ट नहीं भेजी। इसके बाद आयोग ने खुद जांच कराने का निर्णय लिया। आयोग ने इसकी जांच पुलिस अधिकारी राधा पांडे को सौंपी थी। उन्होंने तीन माह में जांच करके आयोग को रिपोर्ट सौंप दी। इसमें कई तरह की खामियां मिलीं। इधर, मामले की सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर आयोग ने शुक्रवार को भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) को नोटिस जारी किया है।
बैरागढ़ पंप हाउस से लालघाटी तक 7 चौराहे और तिराहे हैं। यहां पर 16 स्थानों पर वाहन कॉरिडोर मेंे प्रवेश करते हैं। इन स्थानों पर लगे गेट टूटे मिले। फायर स्टेशन चौराहा, चंचल चौराहा पर सिग्नल बंद थे। कॉरिडोर की जालियां टूटीं मिलीं। लो फ्लोर बसों के अलावा अन्य वाहन कॉरिडोर में चल रहे हैं। ऐसे ही स्थिति लालघाटी से जिला कोषालय तक के कॉरिडोर की भी थी। कॉरिडोर में कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगे थे। किलोल पार्क से रोशनपुरा चौराहे तक कई जगह ग्रिल टूटी हुई थी। बोर्ड ऑफिस चौराहे से गणेश मंदिर तक कॉरिडोर में 15 मीटर तक ग्रिल टूटी मिली। यहां पर कोई भी कर्मचारी ड्यूटी करते हुए नहीं मिला। आरआरएल तिराहा से मिसरोद तक ट्रैफिक वार्डन ड्यूटी पर नहीं मिले। वहीं लो फ्लोर बस कई जगहों पर नियमों का उल्लंघन करते हुए मिलीं।