आर्थिक आधार पर पिछड़े हुए छात्रों को पहली बार शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए एमएचआरडी की ओर से पहल की गई है। जेईई मेन की वेबसाइट पर इसको लेकर एक नोटिस भी अपलोड कर दिया गया है।
एमएचआरडी ने शिक्षण संस्थानों को इसके लिए सीटें बढ़ाने के लिए निर्देश भी दिए हैं। नोटिस में बताया गया है कि जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम होगी, वह अनारक्षित छात्र इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्लयूएस) में आएंगे और आवेदन कर सकेंगे। इन आवेदनों की शुरुआत 11 मार्च से होगी जो 15 मार्च तक किए जा सकेंगे। इसमें छात्रों को ईडब्लयूएस के छात्रों को विशेष उल्लेख करना होगा। एक्सपर्ट डॉ. जाॅयदीप धर और मनोज नायक का कहना है कि 8 लाख रुपए की वार्षिक आय कम होने के अलावा 4 शर्त और रखी गई हैं।
जेईई की वेबसाइट https://jeemain.nic.in पर एक फार्मेट अपलोड किया गया है, जिसे भरकर और तहसीलदार या इससे ऊपर के अधिकारी के साइन और सील लगवाकर उसे आवेदन के साथ स्कैन कराकर लगाना होगा। इस फार्म में छात्रों को अपना फोटो भी लगाना होगा। जिन छात्रों के अभिभावक प्राइवेट जॉब में हैं, वह एम्प्लॉयर से जारी सर्टिफिकेट इस आवेदन के साथ संलग्न कर सकते हैं।
ईडब्लयूएस कैटेगरी के लिए 4 शर्त और रखी गई हैं। संबंधित छात्र के परिवार पर 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि नहीं होना चाहिए। रेजीडेंशियल फ्लैट 1000 स्क्वायर फीट से ज्यादा न हो, नगर निगम सीमा में रेजीडेंशियल प्लॉट 900 स्क्वायर फीट से ज्यादा न हो और ग्रामीण क्षेत्र में रेजीडेंशियल प्लॉट 1800 स्क्वायर फीट से ज्यादा न हो।