महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव के विवाहोत्सव के रूप में मनाया। शिवनवरात्रि 24 फरवरी से रोज भगवान के शिवलिंग को केसर-चंदन का उबटन लगाकर शाम को दूल्हा शृंगार किया।
सोमवार को महाशिवरात्रि पर तड़के 2.30 बजे से भस्मआरती के बाद शिवलिंग को राजसी दूल्हे के रूप में सजाया। पुजारी पं. महेश शर्मा के अनुसार यह स्वरूप इस तरह का है जब लोकजीवन में दूल्हे को वर निकासी के लिए सजाया जाता है।
बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर में ही शिवलिंग का इस तरह का शृंगार होता है। मंगलवार को शिव का विवाह होगा, इसके लिए तड़के 5 बजे सेहरा (फूलों का मुकुट) पहनाया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे भस्मआरती के साथ महाशिवरात्रि पर्व समाप्त होगा।