भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने मंगलवार (5 मार्च) को सरकार से गारंटी मांगी, जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि पाकिस्तान के साथ राजनीतिक तनाव के कारण देश से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं नहीं छीनी जाएं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि यूनाईटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने अंतरराष्ट्रीय महासंघों को निर्देश दिया है कि वे भारत के साथ संवाद खत्म कर दें, जिससे देश की जुलाई में जूनियर एशिया चैंपियनशिप की मेजबानी की संभावना पर असर पड़ सकता है।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई से कहा, ”हम ने सरकार से इसका हल खोजने की मांग की है। हमने ज्यादा कुछ नहीं लिखा है, सिर्फ उस पत्र को संलग्न किया है जो यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने हमें भेजा है।”
हाल में तीसरे कार्यकाल के लिए डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने गए बृज भूषण सिंह ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि जूनियर एशियाई चैंपियनशिप की मेजबानी भारत के पास बरकरार रहे।
उन्होंने पीटीआई से कहा, ”कुश्ती और पहलवानों का नुकसान नहीं होना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे कि जूनियर चैंपियनशिप भारत में ही रहे। इसका हल निकालने की जरूरत है। मैंने अब तक यूडब्ल्यूडब्ल्यू का निर्देश नहीं पढ़ा है लेकिन इसमें कुछ भी लिखा हो, किसी भी खेल को बिना गलती से खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने पिछले महीने पुलवामा आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली में विश्व कप निशानेबाजी के दौरान पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं देने पर भविष्य की प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए भारत के साथ सभी तरह की बातचीत निलंबित कर दी है।
इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा से इनकार करने पर गौर करते हुए आईओसी ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की 25 मीटर रेपिड पिस्टल स्पर्धा से ओलंपिक कोटा छीन लिए थे।
जूनियर एशियाई चैंपियनशिप का आयोजन नौ से 14 जुलाई तक होना है। लेबनान ने इस प्रतियोगिता की मेजबानी में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद भारत को मेजबानी मिली थी। भारत ने पिछले साल भी जूनियर एशियाई चैंपियनशिप का आयोजन किया था और पाकिस्तानी पहलवानों के वीजा के लिए डब्ल्यूएफआई को काफी इंतजार करना पड़ा था।