8 मार्च… यह कोई तारीख मात्र नहीं है. यह दिन है महिलाओं के नारीत्व के जश्न, उनके हक-हुकूक और सम्मान की बात करने का, जिसे आज पूरा विश्व ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के रूप में मना रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि देश की महिलाएं शक्तिशाली भारत के निर्माण में कंधे से कंधा मिला करके चल रही हैं. हमारी मां-बहनों का गर्व, उनका योगदान, उनका सामर्थ्य आज देश अनुभव कर रहा है.
आज महिलाएं हर क्षेत्र में देश के विकास में आगे बढ़-चढ़कर योगदान कर रही हैं. आज महिला दिवस के मौके पर हम मोदी सरकार के उन योजनाओं और फैसलों की बात करेंगे, जिनसे महिलाओं की जिंदगी बदलने का काम किया.
1- उज्ज्वला योजना मोदी सरकार में उज्ज्वला योजना के तहत 6.4 करोड़ (1 फरवरी 2019 तक) LPG कनेक्शन बांटे गए. इस योजना में प्रत्येक गैस कनेक्शन के लिए हर महिला को 1600 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई. एक कनेक्शन में सिलेंडर, रेगूलेटर और पाइप शामिल है. इस योजना की शुरुआत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह महिलाओं को लकड़ी के चूल्हे से उठने वाले धुएं से बचाना चाहते हैं.
2- सुकन्या समृद्धि योजना 15 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में पीएम मोदी ने सुकन्या समृद्धि खाता कार्यक्रम की शुरुआत की. इसका मकसद बेटियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना था. योजना के तहत 1 फरवरी 2019 तक 1.52 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं. इन खातों में 25,979.60 करोड़ रुपये बच्चियों के नाम से जमा हुए. बता दें कि यह योजना 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए है. SSY में जमा पैसे पर दूसरी बचत योजनाओं से ज्यादा ब्याज मिलता है.
3- शौचालय निर्माण भारत में एक बड़ा तबका ऐसा था, जिनके यहां शौचालय नहीं थे. केंद्र ने 1 फरवरी 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2014-19 में 9.74 करोड़ शौचालय बनाए हैं. जिसके बाद मौजूदा वक्त में 90 फीसदी से ज्यादा भारतीय शौचालय का इस्तेमाल कर पाते हैं, जबकि 2014 में 40 फीसदी से भी कम लोग शौचालय का उपयोग कर रहे थे. घर में शौचालय का ना होना महिलाओं के लिए कष्टदायी था, उन्हें नित्य-क्रिया के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था. मोदी सरकार की इस योजना से महिलाओं के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया.
4- तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक किसी अभिशाप से कम नहीं था. मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया. यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है, लेकिन राज्यसभा से पारित होना बाकी है. लेकिन सरकार ने बिल को अध्यादेश लाकर कानून की शक्ल दे दी है, जिसमें तीन तलाक देने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है.
5- मैटेरनिटी लीव कामकाजी महिलाओं के मां बनने पर मिलने वाली छुट्टियों को मोदी सरकार ने बढ़ाकर 26 सप्ताह किया. इससे पहले भारत में महिलाओं को 12 हफ्ते का मातृत्व अवकाश मिलता था. इसके लिए केंद्र सरकार मैटेरनिटी बेनिफिट (अमेंडमेंट) एक्ट 2017 लेकर आई. इस बदलाव का पूरे देश ने स्वागत किया. इसके लागू होने के बाद से 1 फरवरी 2019 तक 49.88 लाख महिलाओं ने पेड मैटरनिटी लीव का लाभ उठाया.
6- अन्य अहम योजनाएं इन योजनाओं के अलावा मुद्रा और स्टैंडअप इंडिया से भी करीब 9 करोड़ लोग लाभान्वित हुए, जिसमें महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या है. यही नहीं, सरकार में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़-चढ़ कर रही है. इस समय सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी समेत कई महिला नेताएं सरकार में उच्च पदों पर आसीन हैं.