बता दें कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने वचन पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि सरकारी दफ्तरों में संघ की शाखा नहीं लगनी चाहिए. वचन पत्र में यह भी कहा गया था कि अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन शाखाओं पर बैन लगाया जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह अधिकारों का हनन है.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि कभी भी संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही है. बल्कि कांग्रेस का कहना है कि कर्मचारियों को पहले अपने दायित्वों को निभाना चाहिए. उसके बाद वह जहां चाहे वहां जा सकते हैं. लेकिन बीजेपी बेवजह इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है. इससे पहले भी बीजेपी ने संघ की शाखाओं पर बैन लगाने को लेकर विरोध किया था. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी संघ की शाखाओं पर बैन लगाने को लेकर कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला और दिग्विजय सिंह को संघ की शाखाओं में शामिल होने की सलाह भी दी थी.