राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सालाना अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा शुरू हो गई है. ग्वालियर में तीन दिन तक चलने वाली बैठक का शुभारंभ सर संघचालक मोहन भागवत और सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने किया. वार्षिक बैठक में 1400 आरएसएस कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं.
बता दें, इस बैठक में संघ की साल भर की गतिविधियों की समीक्षा के बाद आगामी वर्ष के कार्यक्रमों के साथ ही संगठनात्मक विस्तार की रूपरेखा तय होगी. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने बुधवार को बताया था कि संगठनात्मक दृष्टि से देश में संघ के 11 क्षेत्र और 43 प्रांतों की कार्यकारिणी सहित देश भर से चुने हुए प्रतिनिधि, विभाग प्रचारक और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले समान विचारधारा वाले संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे.
अरुण कुमार का कहना है कि बैठक में संगठनात्मक मुद्दों के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक मुद्दों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम को लेकर चर्चा संभव है. बैठक में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के अलावा राम मंदिर, लोकसभा चुनाव को लेकर प्रस्ताव रखे जा सकते हैं. बैठक में जो भी प्रस्ताव पारित किए जाएंगे उनकी जानकारी अंतिम दिन खुद सर कार्यवाह देंगे.
बैठक से पहले गुरुवार देर शाम सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, दत्तात्रेय होसबोले, डॉ. मनमोहन वैद्य व अन्य पदाधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. इसमें प्रतिनिधि सभा की बैठक में रखे जाने वाले प्रस्तावों व प्रतिवेदन पर मोहन भागवत के साथ विमर्श कर अंतिम रूप दिया गया.
ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर केदारधाम की सुरक्षा-व्यवस्था को 150 स्वयंसेवकों ने संभाल रखा है. इसके अलावा 400 से अधिक सेवक अन्य व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं. आयोजन स्थल पर निर्धारित लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है.