प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में कई योजनाओं का शिलान्यास करते हुए कहा कि आपको कितने ही उदाहरण मिल जाएंगे जब पहले की सरकारों ने अपने रागदरबारी को ईनाम देने के लिए आर्कियोलॉजी के हिसाब से महत्वपूर्ण इमारतों के बगल में अपने बंगले बनाने की इजाजत दे दी. दिल्ली में ही ऐसे कितने मामले हैं. मीडिया के साथी थोड़ी छानबीन करें, तो सारा सच सामने आ जाएगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में कहा कि यहां आप लोग मोदी-मोदी कर रहे हैं, वहां कुछ लोगों की नींद हराम हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि वे भी कोई दिन थे, जब नोएडा-ग्रेटर नोएडा की पहचान सरकारी धन की लूट, अथॉरिटी और टेंडर में होने वाले खेल से होती थी, पहले ऐसी ही खबरें आती थीं, मगर अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पहचान विकासीय परियोजनाओं से हो रही है.
इस दौरान पीएम मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का उद्धाटन करते हुए कहा कि दीनदयाल के विजन पर चलते हुए देश के विकास के लिए आर्थिक और सामाजिक विजन देने वाले उनकी प्रतिमा का उद्घाटन करने का पुण्य अवसर मिला है. पहले जमीन आवंटन में घोटाला होता था. आधी आबादी के पास पहले बैंक खाता नहीं था. भारतउन देशों से पिछड़ गया, जो हमारे साथ ही आजाद हुए थे. 2014 के बाद जब आपने दिल्ली में एक प्रधानसेवक के रूप में अपनी सेवा का अवसर दिया, तब हम आगे बढ़े.
उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा में आज एक और बड़ा काम हुआ है. देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हमारी सभ्यता से जुड़े अहम स्थान दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियॉलॉजी का एक भव्य कैंपस यहां बनकर तैयार हुआ है. 25 एकड़ में फैला ये परिसर भारत के गौरवशाली अतीत के अनुकूल है. अब दुनिया भर के रिसर्च स्कॉलर, स्टूडेंट यहां पर आधुनिक सुविधाओं के साथ भारत की समृद्ध विरासत, हमारे अध्यात्म, मंदिरों, ग्रंथों, शिल्प, हमारी कला, हर पहलू का विस्तार से अध्ययन कर पाएंगे.