भारत में आने वाले सालों में पानी की तरह ऑक्सीजन की भी कमी हो सकती है. इस बात का खुलासा हाल ही में पुणे के विशेषज्ञों ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रदूषण को रोकने के लिए पुख्ता उपाय नहीं किए गए तो जल्द ही यह नौबत आ जाएगी कि ऑक्सीजन पानी की तरह दुकानों पर बिकने लगेगा और लोग ‘काला दमा’ से पीड़ित हो जाएंगे.
हिंदी अखबार अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुणे स्थित चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के डॉ. संदीप साल्वी ने बताया कि देश में शहरीकरण के साथ प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है. आज दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 15 शहर शामिल हैं. आए दिन फेफड़ा रोगियों की भी संख्या बढ़ती ही जा रही है.
डॉ. संदीप साल्वी का कहना है कि इंसान को रोजाना 3 हजार लीटर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. इसमें रोजाना एक इंसान 500 लीटर ऑक्सीजन आराम के दौरान, 1 हजार लीटर रोजमर्रा के कार्य और 1500 लीटर ऑक्सीजन एक्सरसाइज करते वक्त लेता है.
वहीं, जबकि प्रति लीटर 10 किलोमीटर का माइलेज रखने वाली कार का इंजन एक लीटर पेट्रोल की खपत में इंजन 1700 लीटर ऑक्सीजन लेता है. ऐसे में आने वाले वक्त में गाड़ियां बढती जाएंगी तो जाहिर है ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाएगी.