बड़ी मुश्किल से भोपाल को विमान सेवाएं मिलना शुरू हुई थीं, लेकिन जेट संकट के चलते जनवरी की तुलना में फरवरी में एक बार फिर विमानों के फेरों और यात्रियों की संख्या में गिरावट आ गई। जनवरी में जहां विमानों के 986 फेरे थे। वहीं, फरवरी में घटकर 894 रह गए। यानी फरवरी में एयरलाइन कंपनियों के 92 फेरे घटे। यात्रियों की संख्या इस दौरान 6.50 फीसदी घटी। नए रूट शुरू नहीं होते तो यात्रियों की संख्या में और गिरावट होती।
उल्लेखनीय है कि जेट की फ्लाइट केवल मुंबई और दिल्ली के लिए ही जाती हैं इसलिए यात्रियों की संख्या में सबसे ज्यादा कमी केवल इन्हीं दो रूट में देखने को मिली। स्पाइस जेट और इंडिगो एयरलाइन ने जिन नए रूट के लिए उड़ान सेवा शुरू की थी उनमें भोपाल-शिरडी-बेंगलुरू रूट को छोड़कर बाकी सभी जगह यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली। सबसे अधिक 27 फीसदी की बढ़ोतरी भोपाल-जयपुर-भोपाल रूट पर देखने को मिली।
हैरानी की बात है कि इसके बाद भी स्पाइसजेट ने पुणे के लिए ट्रायल उड़ान सेवा शुरू करने के लिए जयपुर फ्लाइट 7 दिन के लिए कैंसिल कर रखी है। अहमदाबाद रूट पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल में यात्रियों की संख्या में 27.4%की बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह बढ़ोतरी इंदौर की तुलना में कम है, जहां यात्रियों की संख्या में 41.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
भोपाल एयरपोर्ट पर एक साल में एयरकार्गो 57% बढ़ा। यह देश के 60 घरेलू विमान तलों में सबसे ज्यादा है। इंदौर एयरपोर्ट में एयरकार्गो सिर्फ 9.8 फीसदी ही बढ़ा। यानी यहां से एयरकार्गो की संभावना सबसे ज्यादा है। माह दर माह के आधार पर यह बढ़ोतरी 22 फीसदी की रही।