प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती शुक्रवार को भी एक के बाद दस ट्वीट कर भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर जमकर बरसीं। गुरुवार को भी उमाभारती ने लगातार आठ ट्वीट कर दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा था। उमा ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सरकार के भ्रष्टाचार की जांच बैठाई थी, लेकिन मुझे इसे साबित करने का मौका नहीं मिला। अब मैं भोपाल की हर गली में दिग्विजय के खिलाफ प्रचार करुंगी।
उमा ने कहा कि भोपाल क्या, वे देश के किसी भी संसदीय क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ेंगी। अपने इस निर्णय के बारे मे उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बता दिया है। गुरुवार को भोपाल में पत्रकार वार्ता में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि उमा भारती उन पर भ्रष्टाचार के कोई आरोप साबित नहीं कर पाईं। इस पर पलटवार करते हुए उमा भारती ने कहा कि मैंने दिग्विजय सिंह सरकार के भ्रष्टाचार पर जांच तो बैठाई थी, लेकिन फिर मेरा इस्तीफा हो गया और मैं सरकार से बाहर हो गई।
दिग्विजय सिंह ने मुझे नीचा दिखाने के लिए मेरे ऊपर मानहानि का मुकदमा किया था। जबकि मेरे साथ-साथ मध्यप्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन दिग्विजय सिंह ने सिर्फ मुझ पर केस किया। उमा भारती ने कहा कि दिग्विजय भले ही मुझसे द्वेष रखते हों, लेकिन मैं देशहित की राजनीति करती हूं, इसलिए उनके खिलाफ प्रचार करुंगी।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व भोपाल सांसद आलोक संजर ने कहा कि हिंदू आतंकवाद कहने वाले दिग्विजय सिंह अब भोपाल में अपने हिंदू होने का प्रमाण दिखाते घूम रहे हैं। दिग्विजय सिंह की नजर में जाकिर नाईक शांति का दूत है। आतंकवादी हाफिज सईद को हाफिज साहब शब्द से संबोधित करने वाले दिग्विजय सिंह संघ के सांस्कृतिक व सामाजिक संगठन होने पर सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, दिग्विजय ने पाकिस्तान और आईएसआई के तर्ज पर हिंदुओं को आतंकवाद से जोड़ने का काम किया था। भारत की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया। पूरा देश सेना पर गर्व कर रहा था, तब यही दिग्विजय सेना से सबूत मांगने का काम कर रहे थे। इनकी पाकिस्तान परस्त नीति जनता से छिपी नहीं है। संजर ने कहा कि कांग्रेस बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाली पार्टी है। वह वोट के लिए कुछ भी कर सकती है।