नवदुर्गा के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं मैं अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है. इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह सम्बन्धी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है. योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. इस बार मां कात्यायनी की पूजा 11 अप्रैल को की जाएगी.
इनकी पूजा से किस तरह की मनोकामना पूरी होती है?
– कन्याओं के शीघ्र विवाह के लिए इनकी पूजा अद्भुत मानी जाती है.
– मनचाहे विवाह और प्रेम विवाह के लिए भी इनकी उपासना की जाती है.
– वैवाहिक जीवन के लिए भी इनकी पूजा फलदायी होती है.
– अगर कुंडली में विवाह के योग क्षीण हों तो भी विवाह हो जाता है.
माता का संबंध किस ग्रह और देवी-देवता से है ?
– महिलाओं के विवाह से संबंध होने के कारण इनका भी संबंध बृहस्पति से है.
– दाम्पत्य जीवन से संबंध होने के कारण इनका आंशिक संबंध शुक्र से भी है.
– शुक्र और बृहस्पति दोनों दैवीय और तेजस्वी ग्रह हैं. इसलिए माता का तेज भी अद्भुत और सम्पूर्ण है.
– माता का संबंध कृष्ण और उनकी गोपिकाओं से रहा है और ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं.
कैसे करें मां कात्यायनी की सामान्य पूजा?
– गोधूलि बेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए.
– इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें. मां को शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है.
– मां को सुगन्धित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी.
– इसके बाद मां के समक्ष उनके मन्त्रों का जाप करें.
शीघ्र विवाह के लिए कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
– गोधूलि बेला में पीले वस्त्र धारण करें.
– मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें.
– इसके बाद 3 गांठ हल्दी की भी चढ़ाएं.
– मां कात्यायनी के मन्त्रों का जाप करें.