चारा घोटाले में जेल में सजा काट रहे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. बता दें कि उन्होंने कोर्ट में जमानत के लिए अपील की है. लालू ने अपनी पार्टी के प्रचार के लिए जमानत मांगी थी.
लालू की याचिका का सीबीआई ने सर्वोच्च अदालत में विरोध किया. सीबीआई ने कहा कि चार अलग-अलग चारा घोटाले के मामलों में सम्मिलित रूप से 27 साल की सजा काट रहे लालू जब इतने दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे हैं, तो वह चुनाव प्रचार के लिए कैसे फिट हो सकते हैं?.
सीबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए मार्च 2018-मार्च 2019 के बीच उनसे मिलने आए करीब 80 राजनीतिक लोगों की लिस्ट जारी करते हुए कहा, ‘8 महीने में अस्पताल में रहने के दौरान वह एक स्पेशल वार्ड में रहे, जहां हर तरह की अत्याधुनिक सुविधा थी. इस वार्ड से वह अपने राजनीतिक कामकाज भी कर रहे थे.’ अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि उन्हें जेल में ही रहना होगा.फिलहाल वह रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हैं.
आज याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि हमे नहीं लगता कि आपको जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. इसलिए आपकी याचिका खारिज कर रहे हैं.लालू यादव की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा, ” अगर मैं जमानत पर रिहा हुआ तो भाग नहीं जाऊंगा. मेरी याचिका पर सही से सुनवाई भी नहीं हुई है. आखिरकार में जमानत पर रिहा होता हूं तो इसमे खतरा क्या है?. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा आपके दोषी होने के अलावा यहां कोई खतरा नहीं हैं.