एनजीटी की ठोस कचरा प्रबंधन नियम कार्यान्वयन समिति की अध्यक्ष एवं राज्य की पूर्व मुख्य सचिव राजवंत संधू ने निर्देश दिए कि कचरे के समुचित निपटारे के लिए आवास स्तर पर कचरा तरल और ठोस अलग-अलग एकत्र किया जाए। राजवंत संधू शिमला जिला के शहरी स्थानीय निकायों और विभिन्न विकास खंडों द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 की अनुपालना के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
संधू ने कहा कि प्रदेश को सदैव हरा भरा रखने के लिए ठोस एवं तरल कचरे का वैज्ञानिक निपटान आवश्यक है। सभी क्षेत्रों में चुने हुए प्रतिनिधि एवं नागरिकों की वार्ड स्तरीय समितियां गठित की जानी चाहिए। ये समितियां घर-घर जाकर लोगों को जैविक एवं अजैविक कचरे को अलग कर देने के संबंध में जागरूक बनाएं। ये समिति अब तक सोलन, ऊना, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में बैठकें आयोजित कर व्यापक निर्देश दे चुकी हैं। शेष जिलों में अभी दौरा होना है। शहरी विकास विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने स्थानीय शहरी निकायों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक सभी क्षेत्रों में घर से ही ठोस एवं तरल कचरा अलग-अलग लिया जाए।