लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल लोकसभा सीट, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की वजह से हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. बीजेपी को अब ये सुरक्षित सीट, दिग्विजय के उतरते ही असुरक्षित नजर आ रही है. ऐसे में ‘संघी आतंकवाद’ का शब्द उछालने वाले दिग्विजय को चुनौती देने मालेगांव विस्फोट कांड की वजह से चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम बीजेपी की तरफ से तेजी से उछाला जा रहा है. बुधवार को दिल्ली में आरएसएस की एक बैठक हुई जिसके बाद प्रज्ञा के नाम पर चर्चा फिर से तेज गई.
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आजतक ऑनलाइन टीम ने साध्वी प्रज्ञा सिंह से बात की. साध्वी ने सीधे-सीधे तो नहीं माना कि उनका नाम फाइनल हो गया है लेकिन इशारों में ये जता दिया कि यदि संगठन का आदेश होगा तो वह ‘धर्मयुद्ध’ लड़ने को तैयार हैं.
साध्वी ने कहा कि जिस दिग्विजय सिंह ने हिंदू धर्म को पूरे विश्व में बदनाम किया, भगवा ध्वज को आतंकवाद का रूप बताया, अध्यात्म और त्यागमय जीवन पर आक्षेप किए और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया; उसके खिलाफ यदि मुझे चुनाव लड़ना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगी.
इस पर साध्वी ने जवाब दिया कि वे तो बचपन से राजनीति करती आ रही हैं. अभी तक वे किंगमेकर की भूमिका में थी लेकिन अब यदि संगठन के आदेश पर किंग बनना पड़े तो वे इसके लिए तैयार हैं. वे एक राष्ट्रभक्त हैं और राष्ट्र के विरुद्ध बात करने वालों के लिए, पापी और दुरात्मा को समाप्त करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. आज दिग्विजय सिंह भले ही अपने आसपास साधु-संन्यासियों की भीड़ लगाए हुए हैं लेकिन वह असली साधु संत हो ही नहीं सकते.
जब उनसे पूछा गया कि भोपाल लोकसभा टिकट के नाम की घोषणा कब होगी? तब साध्वी ने विश्वास से जवाब देते हुए कहा कि 16 अप्रैल को नॉमिनेशन शुरू होगा, उससे पहले ही पार्टी को घोषणा करनी पड़ेगी.
गौरतलब है कि 23 मार्च को भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का नाम घोषित कर दिया है. उसके बाद से ही उनको चुनौती देने के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम जोर-शोर से उठना शुरू हो गया था. मालेगांव ब्लास्ट मामले में दोषमुक्त होने के बाद अब बीजेपी को भी कट्टर हिंदुत्व के चेहरे पर दांव लगाना भविष्य के लिहाज से सही लगता प्रतीत हो रहा है.
साध्वी प्रज्ञा, मध्य प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ी और फिर बाद में संन्यास ले लिया. 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट में उन्हें शक के आधार पर गिरफ्तार किया गया गया. 2017 में बिना किसी सबूत उन्हें जमानत दी गई. मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया था. 25 अप्रैल 2017 को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. उसके बाद उन्हें हाल ही में इस केस से दोषमुक्त कर दिया गया है.
बता दें कि भोपाल लोकसभा सीट पर 12 मई को चुनाव होना है. इसके लिए 16 अप्रैल को नॉमिनेशन भरा जाना है. 23 अप्रैल नॉमिनेशन की अंतिम तारीख और 24 तारीख को स्क्रूटनी होनी है. 12 मई को छठवें चरण में मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव होना है जिसमें से भोपाल भी है.