रातीबड़ क्षेत्र के केकड़िया गांव के जंगल में बुधवार सुबह एक किशाेर पर बाघिन 124 ने हमला कर दिया। हादसे में किशाेर के हाथ अाैर पैर में गंभीर जख्म हुए हैं। उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। प्रत्यक्षदर्शियाें के मुताबिक हादसा उस वक्त हुअा, जब किशाेर बकरी के लिए पेड़ से पत्तियां ताेड़ रहा था, तभी उसके नजदीक स्थित गुफा में बैठी बाघिन ने उस पर हमला कर दिया। घटना के वक्त किशाेर के साथ माैजूद दूसरे युवकाें ने बाघिन के हमले पर शाेर मचाना शुरू कर दिया, इससे बाघिन जंगल में किशाेर काे छाेड़कर लाैट गई।
भानपुर सर्किल के डिप्टी रेंजर राम नारायण बार्से ने बताया कि बुधवार सुबह 10.30 बजे केकड़िया गांव से सुनील चाैहान, छैतीराम, बाल सिंह अाैर उनके साथी जंगल में बकरी चराने गए थे। बकरी चराते हुए बड़ी शिला के नजदीक से गुजर रहे थे। बड़ी शिला के पास कुछ हरे पेड़ लगे हैं। चरवाहाें में शामिल 16 वर्षीय सुनील चाैहान बकरी के लिए पत्तियां ताेड़ रहा था। तभी बड़ी शिला के नजदीक स्थित एक गुफा में बैठी बाघिन 124 ने उस पर हमला कर दिया। इससे सुनील की चीख निकल गई। किशाेर की अावाज सुनकर उसके साथ चल रहे छैती राम, बाल सिंह, सानिया, मजलदा सहित अन्य ने शाेर मचाना शुरू कर दिया।
इसके बाद बाघिन सुनील काे घायल हालत में छाेड़कर पहाड़ी की दूसरी अाेर स्थित गहरी खाई में कूद गई। साथी घायल सुनील काे केकड़िया लेकर अाए। साथ ही केकड़ियां वन चाैकी पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियाें काे घटना की जानकारी दी। इसके बाद सुनील काे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बकाैल डिप्टी रेंजर राम नारायण बार्से सुनील के शरीर में हुए जख्माें में 10 टांके अाए हैं। वहीं किशाेर पर बाघिन के हमले की सूचना मिलने पर भोपाल सीसीएफ एसपी तिवारी, डीएफओ एच एस मिश्री, एसडीओ एसएस भदौरिया, रेंजर विभाष बिल्लोरे ने पहुंचकर किशोर की स्थिति देखी और उसे तुरंत सहायता राशि दी। गर्दन नहीं पकड़ने दी, पूरा जाेर लगाकर जांघ छुड़ाने की काेशिश की
भानपुर सर्किल के डिप्टी रेंजर राम नारायण बार्से, छेतीराम और बाल सिंह को लेकर जंगल में मौका मुआयना करने पहुंचे। उन्होंने पाया जिस स्थान पर बाघिन ने सुनील को पकड़ा, वहां गहरी खाई थी। उन्हाेंने बताया कि सुनील ने गुफा में बैठी बाघिन काे देखा अाैर खाई से ऊपर चढ़ गया। जिससे उसकी जान बच गई। यदि बाघिन पीछे से पंजा मारती तो सुनील सीधे खाई में गिरता। उसकी माैत हाे सकती थी। उन्होंने घटना स्थल पर से कुछ दूर बाघ के पगमार्क मिले। जिसे ट्रेस किया गया।
चिचली के बीट गार्ड राकेश कुमार धुर्वे ने बताया कि बाघिन 124 थोड़ी आक्रामक है। बच्चे उसके मुंह से छूटकर आ गए, यह आश्चर्य की बात है। घायल अवस्था में भी सभी लोग सुनील को गांव तक ले गए।