गर्मियों में पेयजल संकट की समस्या सामने आने लगी है। ऐसे में पेयजल की फिजूलखर्ची को रोकने की जरूरत भी शिद्दत से महसूस की जा रही है। पेयजल संरक्षण को लेकर नाहन शहर के रानीताल में अनूठी पहल को आगे बढ़ाया गया। पेयजल बचाने का संदेश देने और लोगों की प्यास बुझाने की खुशी में हैंडपंप की छठी वर्षगांठ मनाई गई। हैंडपंप की पूजा-अर्चना के बाद बाकायदा विशाल भंडारा लगाया गया। इसमें ख्वाजा जी का प्रसाद भी बांटा गया। रानीताल निवासी सतीश चौहान पिछले छह साल से हैंडपंप की वर्षगांठ मना रहे हैं। पानी की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में भंडारा लगाया गया। इसमें स्थानीय लोगों ने भी सहयोग किया। छह साल पहले रानीताल बाग के गेट पर हैंडपंप लगाया गया था।
अभी भी इसमें पर्याप्त पानी है। आज क्षेत्र के लोगों ने सबसे पहले हैंडपंप की पूजा की। इसके बाद भंडारा लगाया। इस दौरान संजय चौहान, राकेश, दिनेश कुमार, अंशु, मयंक, रिषभ, अभिनव, संतोष चौहान, अशोक कुमार, वेद प्रकाश, संदीप, किशन चंद, उषा, सुनीता और मिंटू आदि मौजूद रहेरानीताल क्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व पानी की किल्लत थी। लोग बाल्टियां लेकर पानी के लिए भटकते थे। खासकर लोगों के किरायेदारों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था। रानीताल में सैर-सपाटे को आने वाले लोगों को भी दिक्कतें होती थीं। स्थानीय निवासी अशोक चौहान के अनुसार उस समय यहां हैंडपंप लगाने के लिए लोगों ने दफ्तरों के कई चक्कर काटे।
सभी विभागों के सहयोग से करीब छह महीने की मेहनत के बाद हैंडपंप लगा। तब से लेकर हर साल हैंडपंप का स्थापना दिवस मनाया जाता है। हैंडपंप लगने की खुशी में वह ख्वाजा जी का भंडारा लगाते हैं। उनके अनुसार लोगों को पानी का सदुपयोग करना चाहिए। व्यर्थ में बहने वाला पानी कई लोगों की प्यास बुझाने के साथ जरूरतों को पूरा कर सकता है।