मई महीने के पहले दिन ही हिमाचल के पहाड़ बर्फ से लकदक हो गए हैं। बुधवार को प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। राजधानी शिमला समेत कई जगह दोपहर बाद भारी ओलावृष्टि हुई। मैदानी इलाकों में ओलावृष्टि होने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों में सेब की फसल को क्षति पहुंची है। मंगलवार रात को सूबे के निचले इलाकों में तूफान चलने से भवनों की छतें उड़ गईं।हिमाचल में बर्फबारी, बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति को जोड़ने वाले रोहतांग दर्रा के साथ लाहौल की वादियां ताजा बर्फ से लकदक हो गई हैं। बर्फबारी से रोहतांग बहाली को भी झटका लगा है। किन्नौर के छितकुल में 30, रोहतांग में 15 सेंटीमीटर और लाहौल की चोटियों में पांच से दस सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड की गई।
इसके अलावा कबायली क्षेत्र पांगी और भरमौर की ऊपरी चोटियों में भी हल्का हिमपात हुआ है। दिन के समय रोहतांग दर्रा के आसपास बर्फीली हवा चलने से मनाली से लाहौल पैदल जा रहे 13 यात्री वापिस मनाली लौट आए हैं। इसमें सात प्रवासी मजदूर और उनके दो बच्चे तथा चार स्थानीय लोग शामिल हैं। पहाड़ों में बर्फबारी के साथ मनाली और कुल्लू में बुधवार को दिन भर तेज हवाओं के साथ रुक-रुक बारिश जारी रही। रामपुर और आउटर सिराज क्षेत्र में भी दिनभर मौसम खराब बना रहा। जिला मंडी के धर्मपुर में 33 केवी लाइन की तारे टूटने से क्षेत्र में करीब 14 घंटों तक बिजली सप्लाई बाधित रही
करीब 15 हजार से अधिक आबादी को मंगलवार रात और बुधवार दोपहर पौने तीन बजे तक छह फीडर और 126 ट्रांसफार्मर बंद रहने से बिना बिजली सप्लाई के रहना पड़ा। इस कारण पेयजल योजनाओं से पानी भी लिफ्ट नहीं हो सका। क्षेत्र में पेड़ गिरने और घरों की छतें उड़ने की सूचनाएं भी हैं। जिला हमीरपुर के कोठी गांव में मंगलवार रात अंधड़ से पशुशाला की छत उड़ गई और गांव में 12 घंटे बिजली गुल रही। चमनेड़, लंबलू, रज्यार गांवों में भी बिजली आपूर्ति रात भर ठप रही। राजधानी शिमला में बुधवार दोपहर करीब पौने तीन बजे से लेकर चार बजे तक भारी ओलावृष्टि हुई। ओले गिरने से शहर की सड़कें सफेद हो गईं। ओलावृष्टि से पेड़ों के पते भी झड़ गए। उधर, मंगलवार रात को भी शहर में कई जगह बारिश हुई और तूफान चला।