हिमाचल के सरकारी विश्राम गृहों में नेता 48 घंटे तक रुक सकेंगे। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों और होटल-सराय की कमी को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान नेताओं के लिए राहत भरा निर्णय लिया है। अब ये नेता सरकारी विश्राम गृहों, सर्किट हाउसों और फॉरेस्ट हट जैसे स्थानों का उपयोग ठहरने के लिए कर सकेंगे। हालांकि, कोई भी नेता 48 घंटे से ज्यादा उस सरकारी परिसर में नहीं रह सकेगा।वह किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि या बैठक का आयोजन उस परिसर में नहीं करेगा। आयोग के इस फैसले के बाद दूरदराज इलाकों में प्रचार के दौरान नेताओं को होने वाली मुश्किलें कम हो जाएंगी। चुनाव आयोग के पहले के फैसले के अनुसार सिर्फ जेड या उससे अधिक श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त नेता ही सरकारी परिसर में रह सकते थे।
कुछ समय पहले भाजपा-कांग्रेस समेत कई अन्य राजनीतिक दलों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के जरिये आयोग से गुहार लगाई कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते इन रेस्टहाउसों का उपयोग करने की छूट दी जाए। काफी मंथन के बाद शुक्रवार को आयोग ने मतदान के दिन तक इसके उपयोग की छूट दे दी है। हालांकि, कई तरह के निर्देश भी दिए हैं।
इनमें 48 घंटे से ज्यादा उपयोग न करने के अलावा सत्ताधारी दल की मोनोपोली न होने, अधिकतम तीन वाहन का ही परिसर में प्रवेश होने की बात कही गई है। साथ ही बताया गया है कि इनका डीसी या एसडीएम के स्तर से आवंटन किया जाएगा। इसके लिए नेताओं को पहले आवेदन करना होगा। रुकने के दौरान वह अनौपचारिक रूप से भी किसी तरह की बैठक तक नहीं कर सकेंगे।