विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में देश की जनता के मत से चुनी गई सरकार, उसी जनता की उम्मीदों पर खरी उतरी हो या न, लेकिन उसी सरकार को चुनने के लिए आम जनता पर चुनाव का खर्चा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य में भी इस बार लोकसभा चुनाव का प्रस्तावित खर्च 74 करोड़ रुपये है, जहां महज चार संसदीय क्षेत्र हैं। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्र से 74 करोड़ रुपये की मांग की है।
चूंकि पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 37 करोड़ व्यय हुए थे, जिसके चलते इस बार तब से दोगुने बजट की मांग की गई है। यह खर्च उसी दिन से शुरू हो जाता है, जबसे चुनाव की घोषणा होकर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होती है और मतगणना के बाद सारी चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने तक का सारा जमाखर्च चुनाव आयोग के खाते में जुड़ता जाता है। अब सवाल खड़ा होता है कि इन पांच सालों में प्रदेश के अंदर ऐसे कितने मतदाता व मतदान केंद्र और चुनाव प्रक्रिया का कितना कार्य बढ़ा, जिससे प्रस्तावित व्यय सीधा 37 करोड़ से दोगुना होकर 74 करोड़ रुपये हो गया।
राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश के अंदर कुल 48,10071 मतदाता थे, जिनमें से 31,00199 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी तरह इन लोकसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 53,30154 हो गई है, जिसमें 5,20083 वोटर का इजाफा हुआ है। इसी तरह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य भर में कुल 7385 मतदान केंद्र थे, जो इस बार बढ़कर 7723 हो गए हैं, यानि 338 पोलिंग स्टेशन अधिक हुए हैं।
इन लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर कुल 47 ट्रांसजेडर भी मतदान करेंगे। प्रदेश में सबसे अधिक 20 ट्रांसजेंडर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में है, जबकि ऐसे 15 लोग शिमला सीट पर और हमीरपुर में 7, जबकि मंडी संसदीय हलके में 5 ट्रांसजेंडर के वोट बने हैं।
संसदीय क्षेत्रवार स्थिति
संसदीय क्षेत्र मतदान केंद्र पुरुष महिला ट्रांसजेंडर कुल मतदाता
कांगड़ा 1874 727384 699934 20 1427338
मंडी 2079 650796 630661 5 1281462
हमीरपुर 1764 691683 670579 7 1362269
शिमला 2006 654248 604822 15 1259085
कुल 7723 2724111 2605996 47 5330154
2014 में 7385 2423377 2320836 — 4810071
इन लोकसभा चुनाव में प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर कुल 47 ट्रांसजेडर भी मतदान करेंगे। प्रदेश में सबसे अधिक 20 ट्रांसजेंडर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में है, जबकि ऐसे 15 लोग शिमला सीट पर और हमीरपुर में 7, जबकि मंडी संसदीय हलके में 5 ट्रांसजेंडर के वोट बने हैं।