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टिकट की लड़ाई के बाद पहली बार प्रचार में एकजुटता की मुद्रा में नजर आ रही कांग्रेस..

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संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में लंबे अरसे के बाद कांग्रेसी एकजुटता की मुद्रा में नजर आने लगे हैं। पहले टिकट की लड़ाई में उलझी कांग्रेस बिखरी-बिखरी सी दिख रही थी, लेकिन हाईकमान की नसीहतें और दिशा-निर्देश आखिर रंग लाते दिखाई दे रहे हैं। पहले पिछले दो बार के चुनावों में कांग्रेस यहां उधार के ही प्रत्याशी देती रही, वहीं इस बार घर का कैंडिडेट देकर इस सीट की लड़ाई को जबरदस्त बनाने की कोशिश हो रही है।

वर्ष 2009 के चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर आए नरेंद्र ठाकुर को टिकट दिया था और 2014 में एक बार फिर कांग्रेस ने भाजपा से आए राजेंद्र राणा को टिकट थमा दिया था। इस बार कांग्रेसियों की लड़ाई यह भी थी कि कांग्रेस की जमीन के साथ जुड़े किसी नेता को चुनावी रण में उतारा जाए। शुरुआती दौर में कांग्रेस को अंदरूनी विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन रफ्ता-रफ्ता गाड़ी पटरी पर दौडऩे लगी है।

चुनाव प्रचार में पिछड़ी कांग्रेस के नेताओं के बयानों में सोमवार से एकाएक तीखापन आया है। कांग्रेस के नेताओं ने अनुराग ठाकुर को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं नादौन के विधायक सुखविंद्र सिंह ने अनुराग ठाकुर पर सवालों की बौछार करके सभी को चौंका दिया है। कांग्रेस हाईकमान ने भी संसदीय क्षेत्र के जिन हलकों में कांग्रेसी विधायक हैं, उन्हें परफॉर्मेंस दिखाने का टारगेट दिया है। इसके साथ जिन हलकों में कांग्रेस की हार हुई है, वहां भी स्थिति में सुधार लाने के निर्देश अंदरखाते दिए गए हैं।

इसी कारण कांग्रेस के नेता अपने अपने हलके में प्रचार को गति देते हुए डोर-टू-डोर कंपेन में जुट गए हैं। वजह यह भी है कि रामलाल को टिकट दिलवाने में इन्हीं विधायकों ने हाईकमान पर दबाव बनाया था। अब देखना होगा कि रामलाल कैसी फील्डिंग बिठाते हैं कि उनकी गुगली पर फील्ड में जुटी कांग्रेस की टीम अनुराग ठाकुर को कैच आऊट करती है या फिर नतीजे कुछ ओर होते हैं।

रामलाल ठाकुर 2004 का चुनाव प्रेमकुमार धूमल के खिलाफ लड़े थे। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और रामलाल ठाकुर महज 1600 मतों से हारे थे। हालांकि कांग्रेस ने नरेंद्र ठाकुर एवं राजेंद्र राणा को भी अजमाया, लेकिन उनके हारने का अंतर में जहां नरेंद्र ठाकुर करीब 72 हजार एवं राजेंद्र राणा के हारने का अंतर 98 हजार रहा था। अब जबकि कांग्रेस ने नॉन कंट्रोवर्शियल प्रत्याशी दिया है तो ऐसे में कांग्रेस इस बार कैसा परफॉर्म करती है, यह देखने योग्य होगा।

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