मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव लड़े 29 लोकसभा प्रत्याशियों, मंत्रियों और विधायकों की चुनाव नतीजों के दो दिन पहले अहम बैठक बुलाई है। 21 मई को होने वाली यह बैठक दो हिस्सों में हो रही है। पहले हिस्से में लोकसभा प्रत्याशियों से उनके क्षेत्र में चुनाव के दौरान कांग्रेस की स्थिति का फीडबैक लिया जाएगा। दूसरी बैठक में मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे जिसमें आगामी विधानसभा सत्र के बारे में चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री ने दो महीने बाद मंत्रियों और विधायकों को बुलाया है। इसमें विधायक अपनी दिक्कतों के बारे में बताएंगे। वहीं, इस बैठक में मंत्री भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों से कह चुके हैं कि जिन अधिकारियों ने चुनाव के दौरान दिक्कतें पैदा की हैं, उनके नाम पद सहित लिखकर दें। यह माना जा रहा है कि विधायक उनके क्षेत्र में जिन अधिकारियों ने असहयोग करा है, उसके बारे में भी बताएंगे।
कांग्रेस पार्टी की नजर बैठक के दौरान ऐसे मामलों पर रहेगी जिनमें नेताओं ने पार्टी लाइन से हटकर काम किया है। ऐसे लोगों के नाम अनुशानात्मक समिति के लिए कार्रवाई के लिए दिए जाएंगे, जिससे उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके। सूत्रों के अनुसार ऐसी शिकायतें मुरैना, भिंड, सागर और टीकमगढ़ लोकसभा से पार्टी को मिली है। इन शिकायतों के निराकरण के लिए अनुशासनात्मक समिति को सौंपा जाएगा। समिति ही इस पर अपना फैसला सुनाएगी
लोकसभा चुनाव की वजह से सरकार विधानसभा में बजट पेश नहीं कर सकी थी, उसने 4 महीने के खर्चे के लिए 89 हजार करोड़ का वोट-एन-अकाउंट पेश किया था। चुनाव आयोग की इजाजत के बाद बड़ी राशि खर्च की जा चुकी है। माना जा रहा है कि बची हुई 12 हजार करोड़ की राशि में मई और जून का महीना और निकालना पड़ेगा। इसके बाद मानसून सत्र में सरकार आम बजट पारित करवा सकेगी।