लोकसभा चुनाव में पहली बार सर्विस वोटर्स के वोटों की गिनती के दौरान क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग होगा। अलग कमरे में वोटों की प्री-काउंटिंग की जाएगी। इन्हें आम मतदाताओं के साथ पहले से शामिल नहीं किया जाएगा। प्रदेश में करीब 74 हजार सर्विस वोटर्स हैं, जो विभिन्न आर्म्ड फोर्स में तैनात हैं। इनमें ऐसे कर्मचारी भी शामिल हैं, जाे दूतावास में काम करते हैं। आयोग के सामने सर्विस वोटर्स के वोटों की गिनती एक बड़ी चुनौती है। इसकी मुख्य वजह है कि इस बार क्यूआर कोड के माध्यम से पहले यह जांच की जाएगी कि पोस्टल बैलेट संबंधित मतदाता द्वारा ही भेजा गया है। पुष्टि होने पर ही इन्हें गिना जाएगा।
ईटीपीबीएस का भी उपयोग-सर्विस वोटर्स के वोटों की गिनती में इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) का उपयाेग किया जाएगा। निर्वाचन अफसरों के मुताबिक इसमें 13ए, 13बी और 13सी लिफाफे होते हैं। इसमें सी लिफाफे में ए और बी लिफाफे रखे जाते हैं। इन पर क्यूआर कोड आटो जनरेटेड होता है।सर्विस वोटर्स में सेना के जवान, आर्म्ड फोर्सेस के अफसर-जवान, ऐसे सरकारी कर्मचारी जो भारत के बाहर कार्यरत हैं शामिल होते हैं। इनकी पोस्टिंग अपने मूल निवास से दूर होने की वजह से इन्हें सर्विस वोटर माना जाता है। वर्तमान पदस्थापना के वक्त उनका नाम वहां के मतदाता में शामिल नहीं होता।