महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के देशभक्त बताने वाले बयानों पर बीजेपी लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू की है. पीएम मोदी ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत ख़राब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं. ये अलग बात है की उन्होंने माफ़ी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ़ नहीं कर पाऊंगा. इसी कड़ी में प्रज्ञा ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और नलिन कुमार कतील को 10 दिन के अंदर सफाई देने के लिए कहा गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से ट्वीटर में दिए गए बयान में कहा गया है, ‘विगत 2 दिनों में श्री अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और श्री नलीन कटील के जो बयान आये हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है. लेकिन इसके आगे अमित शाह ने कहा है कि इन लोगों ने अपने बयान वापिस लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है. फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है’. तीसरे आखिरी ट्वीट में अमित शाह ने कहा, ‘अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गयी है’.
कांग्रेस भी बीजेपी को इस मुद्दे पर बख्शने के मूड में नहीं है. कांग्रेस महासचिव ने प्रियंका गांधी ने कहा है कि बीजेपी के राष्ट्रभक्त दिग्गज माफी कब मांगेंगे. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश की अस्मिता के खिलाफ ”गुरिल्ला युद्ध” छेड़ रखा है. सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों और इतिहास पुरुषों के खिलाफ़ एक छद्म युद्ध छेड़ रखा है. रोज़ नया मुखौटा लगाकर एक मोदी अनुयायी आता है और भारत की आत्मा ‘महात्मा’ को अपमानित कर जाता है.” उन्होंने दावा किया, ”यह एक प्रकार से भारत की अस्मिता के खिलाफ़ मोदी सरकार का गुरिल्ला युद्ध है.” सुरजेवाला ने कहा, ”महात्मा गांधी ने कहा था- “मैं यह मानता हूँ और मेरा यह अनेक बार का अनुभव है कि कोई व्यक्ति अपने आप को कितना भी योग्य क्यों न कहे ,उसके गुप्त अनीतिपूर्ण कृत्य एक दिन उजागर हो ही जाते हैं”. गांधी जी के उक्त विचार लगता है मोदी- शाह की जोड़ी के लिए ही कहे गए हों.” उन्होंने दावा किया, ”मोदी – शाह की जोड़ी प्रचार में गांधी और विचार में गोडसेवादी है.
गोडसे ने 1948 में महात्मा गांधी की हत्या की मगर 2014 से 2019 तक मोदी जी के कट्टर समर्थकों और अनुयाइयों ने गोडसे को राष्ट्र भक्त बताकर भारत की आत्मा की कई बार हत्या की है, कभी साक्षी, कभी प्रज्ञा, तो कभी हेगड़े बनकर.” कांग्रेस नेता ने कहा, ”साक्षी महाराज को तो पुनः भाजपा का लोकसभा टिकट दिया ही, इसीलिए दिया गया कि उन्होंने गोडसे का महिमामंडन किया था.” उन्होंने कहा, ”अब मोदी सरकार के मंत्री, अनंत कुमार हेगड़े ने गोडसे की वकालत कर प्रज्ञा ठाकुर व भाजपाई विचारधारा का अनुमोदन कर दिया. भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी अनिल सौमित्र ने तो एक और हद पार कर डाली व महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बता दिया.” उन्होंने दावा किया, ”बीजेपी सही मायने में हिंसा और हिंसक मनोवृत्ति का प्रतिनिधित्व करती है और यह अहिंसक भारत के मूल विचारों के खिलाफ बना राजनीतिक संगठन है. इन्हीं ताकतों ने सत्ता न मिलने की कुंठा को नफरत की तरह पाला और अंततः महात्मा गांधी के रूप में भारत की आवाज और आत्मा की हत्या कर दी गई.”
सुरजेवाला ने सवाल किया, ”क्या यही भाजपा का राष्ट्रवाद है? क्या स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान भाजपा की असली जीवनशैली है? मोदीजी-अमित शाह जी देश से माफ़ी क्यों नहीं मांग रहे? प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी वापस क्यों नहीं ले रहे? अनंत हेगड़े को मंत्री पद से बर्खास्त कर बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखा रहे? अनिल सौमित्र व नलीन कतील को भाजपा से बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे?’