जलूद से शहर तक पानी लाने पर होने वाले बिजली के खर्च को कम करने के लिए इंदौर नगर निगम ने सिस्टम को सौर ऊर्जा से चलाने का प्लान बनाया है। इसके लिए जलूद पर 400 करोड़ रुपए खर्च कर 100 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा। यह राशि ग्रीन मसाला बॉण्ड के अंतर्गत लंदन स्टॉक एक्सचेंज से प्राप्त की जाएगी। एक्सचेंज में अभी 29 मसाला बॉण्ड लिस्टेड हैं। निगम देश का पहला यूएलबी (अर्बन लोकल बॉडी) होगा, जो मसाला बॉण्ड के अंतर्गत विदेशी निवेशकों से फंड हासिल करेगा। इस कदम से निगम को इंटरनेशनल रेटिंग का लाभ होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और भविष्य में निवेश के रास्ते खुल सकेंगे।
जून में काम शुरू करने की तैयारी है। सालभर में प्रोजेक्ट पूरा होगा।निगम को हर महीने पानी अपलिफ्ट करने और डिस्ट्रिब्यूशन (जलूद से लाने) पर लगभग 17 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। निगम पर सालाना 200 करोड़ से अधिक का बिजली बिल का भार है। सोलर प्लांट लगने से खर्च घटकर आधा रह जाएगा और निगम को निवेशकों का पैसा चुकाने के बाद भी लगभग एक करोड़ रुपए महीना और हर साल 12 करोड़ की बचत होगी। सोलर संयंत्र स्थापना से ग्रीन एनर्जी का उत्पादन होगा। 1 मेगावॉट से 2000 कार्बन क्रेडिट मिलते हैं। 100 मेगावॉट संयंत्र पर 2 लाख कार्बन क्रेडिट मिलेंगे। एक कार्बन क्रेडिट की कीमत एक डॉलर है। इस हिसाब से निगम 2 लाख कार्बन क्रेडिट बाजार में बेच सकेगा।
राशि जुटाने के लिए निगम को ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्ति, कार्बन क्रेडिट रेटिंग एजेंसी निर्धारण, स्टेट गवर्नमेंट और आरबीआई की अनुमति हासिल करनी होगी। इन सबके लिए छह महीने का समय रखा गया है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया होगी।