Home मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सिंधिया को समर्थन देने वाले BSP उम्मीदवार को मिले...

चुनाव के दौरान सिंधिया को समर्थन देने वाले BSP उम्मीदवार को मिले 38 हज़ार वोट..

24
0
SHARE

मध्य प्रदेश में सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. राज्य के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद गुना से हार गए. उनकी इस हार के बीच एक दिलचस्प खबर सामने आई है, कि चुनाव से कुछ रोज़ पहले जिस बीएसपी नेता ने कांग्रेस का दामन थामा था, उसे उस सीट पर 37 हज़ार से अधिक वोट मिल गए.

गुना सीट से बीएसपी ने लोकेंद्र सिंह धाकड़ को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन नामांकन वापस लेने की तारीख के बाद और वोटिंग से कुछ रोज़ पहले धाकड़ ने सिंधिया को समर्थन करने का फैसला कर लिया. ऐसे में धाकड़ को मजबूरन चुनाव भी लड़ना पड़ा. हालांकि उस दौरान धाकड़ ने कहा कि वो सिंधिया से काफी प्रभावित हैं और उनके लिए काम करना चाहते हैं. तभी से उन्होंने सिंधिया के लिए वोट मांगने शुरू कर दिए.

अपने उम्मीदवार के इस कदम पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी. उन्होंने एमपी सरकार पर अपनी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने उनके आधिकारिक उम्मीदवार पर पीछे हटने के लिए दबाव बनाया. यहां तक की मायावती ने मध्य प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेने की भी धमकी दे दी थी. लेकिन उस वक्त काफी देर हो चुकी थी. मायावती के पास कोई रास्ता नहीं था कि वो किसी दूसरे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारे, क्योंकि नोमिनेशन की तारीख निकल चुकी थी.

इस घटना के बाद मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील कर दी कि वो सिर्फ उन उम्मीदवारों का समर्थन करें, जो पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि धाकड़ चुनावी पर्चा भर चुके थे, लिहाज़ा वो बीएसपी के आधिकारिक उम्मीदवार के तौर पर मैदान में बने रहे. ईवीएम पर भी वो बीएसपी के कैंडिडेट के तौर पर दर्ज किए गए और उनके नाम के आगे हाथी का चुनाव चिन्ह ही लगाया गया.

चुनाव पूरे होने के बाद जब वोटों की गिनती हुई तो पता चला कि बीएसपी छोड़ चुके धाकड़ को 37 हज़ार 530 वोट मिल गए. इस चुनाव में सिंधिया बीजेपी के कृष्णा पाल सिंह से 1 लाख 25 हज़ार 549 वोटों से हार गए.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक चुनाव परिणाम के कुछ रोज़ बाद धाकड़ ने कहा कि पार्टी बदलने का उन्हें कोई मलाल नहीं है. उन्होंने कहा, “हर विधानसभा क्षेत्र में बीएसपी के पास मिशिनरी टाइप वोट हैं. इन वोटर्स में ज्यादातर आंतरिक क्षेत्रों में रहते हैं. हो सकता है कि उन्होंने मेरे फैसले के बारे में सुना ही न हो.”लोकेंद्र सिंह धाकड़ ने कहा कि मैंने सिंधिया का समर्थन किया, लेकिन बीएसपी के वोटरों ने अपने चुनाव चिन्ह को सपोर्ट किया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here