करीब नौ महीनों के बाद एक जून से सामरिक महत्व के मनाली-लेह हाईवे से वाहन दौड़ने शुरू हो जाएंगे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 31 मई तक इस मार्ग को बहाल करने का लक्ष्य रखा है। शनिवार से सेना के वाहन दौड़ना शुरू कर देंगे। अब मात्र 12 किलोमीटर मार्ग से ही बर्फ हटाना शेष है। बीआरओ के जवान और मशीनरी इस कार्य में डटी हुई है। बता दें कि बीते वर्ष एक माह पहले ही इस मार्ग को बहाल कर दिया गया था, लेकिन इस बार भारी बर्फबारी के चलते मार्ग पर आवागमन बहाली में देरी हुई।
485 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह एनएच चीन सीमा से सटी भारतीय सेना के लिए वैकल्पिक और सबसे सुरक्षित लाइफलाइन है। इस मार्ग पर रोहतांग दर्रे के साथ दारचा, जिंगजिंगबार और बारालाचा जैसे कई दर्रे पड़ते हैं, जो 16000 फीट की ऊंचाई पर हैं।38 बीआरटीएफ के कमांडर उमा शंकर ने बताया कि तीन दिन में टीम प्रदेश की सीमा सरचू तक मार्ग बहाल कर देगी। वह खुद मोर्चे पर डटे हैं। कई जगह 20 से 25 फीट तक बर्फ काटकर आगे बढ़ना पड़ा। लेह की ओर से पहले ही हिमांक ने सरचू तक मार्ग बहाल कर दिया है। बीते साल समय से पहले ही बर्फबारी शुरू होने के चलते सितंबर में लेह मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया था। अब इस मार्ग की बहाली का देश-विदेश के पर्यटकों के साथ भारतीय सेना को बेसब्री से इंतजार है। पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी है।