हिमाचल में सामने आए करीब 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले से सबक लेते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय स्कॉलरशिप पोर्टल की कड़ी निगरानी करने जा रहा है। एचपी ई पास पोर्टल को केंद्र सरकार की वेबसाइट से लिंक करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस व्यवस्था से पोर्टल के अधिकांश अधिकार कुछ हाथों में ही रहेंगे। बार-बार पोर्टल में अपलोड डाटा में बदलाव नहीं हो सकेगा। वर्तमान में शिक्षा निदेशालय हैदराबाद की एक कंपनी के तहत पोर्टल चलवा रहा है। सारा डाटा कंपनी के पास ही जमा हो रहा है। अब इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है।
स्कॉलरशीप पोर्टल को और अधिक सुरक्षित करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय नई व्यवस्था कर रहा है। इसके तहत पोर्टल को केंद्र सरकार की वेबसाइट से लिंक किया जाएगा। केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं वाले पोर्टल पर ही हिमाचल के छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा।वर्तमान में हैदराबाद की कंपनी से बनाए गए करीब 90 लाख के सॉफ्टवेयर के माध्यम से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया जाता है। इस पोर्टल की खामियां भी छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी नहीं मिलने का एक बड़ा कारण रही है। कई विद्यार्थियों के आवेदनों में एक ही मोबाइल फोन नंबर, एक ही बैंक खाता नंबर जैसी गलतियों को यह पोर्टल पकड़ नहीं सका।
इसके अलावा पोर्टल में शिक्षा विभाग के कुछ कर्मियों ने निजी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर डाटा से छेड़छाड़ भी की, जिससे घोटाले को अंजाम दिया गया। इन गलतियों को दूर करने के लिए निदेशालय ने अब पोर्टल की कड़ी निगरानी करने का फैसला लिया है।